अब CSR के नाम पर नहीं हो सकेगी धांधली, मोदी सरकार कर रही है कड़े नियमों की तैयारी

काश प्रियदर्शी, नई दिल्ली: कॉर्पोरेट मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी इस बात का संकेत दे रही है कि सीएसआर के नाम पर तमाम कंपनियों द्वारा किया जाने वाला फर्जीवाड़ा अब बीते दिनों की बात होने वाला है. मोदी सरकार सीएसआर (कॉरपोरेट सामाजिक जिम्‍मेदारी) को लेकर कुछ सख्त कदम उठाने की तैयारी में है. उम्मीद की जा रही है कि अब CSR के नाम पर धांधली नहीं हो सकेगी. सूत्रों के मुताबिक इसके लिए गठित की गई एक उच्च स्तरीय कमेटी ने कंसल्टेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. बतानी होगी लाभार्थी की पूरी डिटेल्स ताकि हो सके जांच
जी मीडिया को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सीएसआर से जुड़े कामों की सही जानकारी के लिए अब एक्सक्लूसिव प्लेटफॉर्म बनाना जरूरी होगा. इसके साथ ही उस एक्सक्लूसिव प्लेटफॉर्म पर कंपनी द्वारा जो काम किए जा रहे हैं उसकी ठोस जानकारी भी देनी होगी. यही नहीं कंपनी द्वारा किए गए सीएसआर में जो भी लाभार्थी (बेनिफिशियरी) होगा उस प्लेटफॉर्म पर उसकी पूरी डिटेल्स भी बतानी होगी ताकि जब चाहे उसकी सत्यता की जांच की जा सके.

प्रोजेक्ट्स की मॉनिटरिंग जीपीएस के जरिए करने की योजना
सूत्रों के मुताबिक कंपनी अगर सीएसआर के जरिए कोई काम करने का दावा कर रही है तो उसे फीडबैक का विकल्प भी देना होगा ताकि काम की पुष्टि हो सके. इसके अलावा सरकार सीएसआर से जुड़े कामों की मॉनिटरिंग के लिए एडवांस तकनीक के इस्तेमाल की तैयारी भी कर रही है. इसके लिए कंपनियों द्वारा चलाए जा रहे प्रोजेक्ट्स की मॉनिटरिंग जीपीएस के जरिए करने की योजना भी बनाई जा रही है.

सीएसआर की सोशल ऑडिटिंग हो सकती है
मोदी सरकार कंपनियों द्वारा किए जाने वाले सीएसआर की सोशल ऑडिटिंग करवाने पर भी विचार कर रही है. इसके लिए सरकार कौन सी कंपनी सीएसआर के जरिए क्या काम कर रही है उसकी जानकारी पब्लिक डोमेन में रखने की योजना बनाने की तैयारी कर रही है. सूत्रों के मुताबिक हालांकि कमेटी फायनेंसियल ऑडिटिंग के पक्ष में नहीं है. उम्मीद की जा रही है कि कमेटी अपनी रिपोर्ट 3-4 महीने में सौंप देगी.

सीएसआर से पहले डेवलपमेंट रिसर्च भी आवश्यक
इसके अलावा एक और महत्वपूर्ण बात सामने आई है वह यह है कि सरकार सीएसआर से पहले डेवलपमेंट रिसर्च को भी आवश्यक बनाने की तैयारी कर रही है. जिसके तहत अब कोई कंपनी किसी इलाके में अगर सीएसआर के जरिए कोई काम करवा रही है तो उसे यह भी बताना होगा कि क्या संबंधित इलाके में वास्तव में उस काम की जरूरत है.

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