सीबीएसई(CBSE), आईसीएसई(ICSE), एनआईओएस(NIOS) समेत देशभर के विभिन्न राज्यों के शिक्षा बोर्डों का अगले महीने 12वीं के जारी होने वाले रिजल्ट में छात्रों को मॉडरेशन मार्क्स (70 से 95 मार्क्स पाने वाले छात्रों को दिए जाने वाले अतिरिक्त मार्क्स) का लाभ अब नहीं मिलेगा।

एचआरडी के साथ सोमवार देर शाम आयोजित बैठक में उक्त सभी के बीच मॉडरेशन मार्क्स को खत्म करने पर सहमति बनी। मॉडरेशन मार्क्स खत्म होने से डीयू और अन्य विश्वविद्यालयों में प्रवेश की सौ फीसदी कटऑफ पर विराम लग जाएगा।
खास बात यह है कि अब फेल से पास होने के लिए मिलने वाले एक से पांच नंबर तक के ग्रेस मार्क्स की जानकारी उक्त छात्र की मॉर्क्सशीट पर देना अनिवार्य होगा। वहीं, अब एकेडमिक में मार्क्स और एक्सट्रा एक्टिविटी में ग्रेड देने होंगे। ताकि उन ग्रेड का लाभ छात्र ग्रेजुएशन में दाखिले के दौरान क्रेडिट के रूप में मिल सके।
एचआरडी व सीबीएसई के साथ 32 राज्यों के शिक्षा बोर्डों के चेयरमैन, सचिव समेत अन्य अधिकारियों की बैठक विज्ञान भवन में आयोजित हुई। एचआरडी और सीबीएसई के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, मॉडरेशन मार्क्स के रूप में विभिन्न राज्यों के शिक्षा बोर्ड अपना रिजल्ट सुधारने के लिए 10 से 20 अतिरिक्त अंक देते थे।
बैठक में सभी राज्यों ने मॉडरेशन मार्क्स खत्म करने पर सहमति दे दी है, क्योंकि इन मॉडरेशन मार्क्स की आड़ में राज्यों के शिक्षा बोर्ड का रिजल्ट तो सुधर जाता था, लेकिन उन राज्यों के छात्र दाखिले की सौ फीसदी कटऑफ की रेस में पिछड़ जाते थे, जहां मॉडरेशन मार्क्स नहीं दिए जाते थे। मॉडरेशन मार्क्स खत्म करने की शुरुआत सीबीएसई स्कूलों से करने की घोषणा भी हुई।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal