विदेशी सैलानी जो कि भारत आकर सामान खरीदते हैं और उसे वापस अपने साथ ले जाते हैं उन्हें जीएसटी रिफंड नहीं मिलेगा क्योंकि सरकार ने अभी तक इंटीग्रेटेड जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के प्रावधानों को जरूरी बदलाव नहीं किए हैं। वित्त मंत्रालय ने यह जानकारी आरटीआई में पूछे गए सवाल के जवाब में दी है।
यह कहा गया था कि विदेशियों के लिए उस प्रक्रिया को उपलब्ध करवाया जाए जो कि उन्हें भारत में खरीदे गए सामान पर जीएसटी रिफंड उपलब्ध करवा सके। कुछ पश्चिमी राष्ट्रों में विदेशियों की ओर से खरीदे गए सामान पर टैक्स रिफंड की सुविधा दी जाती है। केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत पूछे गए सवाल का जवाब में कहा, “ध्यान दें कि एकीकृत जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) की धारा 15 को अब तक लागू नहीं किया गया है। इसलिए कार्यालय के पास वर्तमान में इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है।”
इस धारा के मुताबिक, भारत से जाने वाले सैलानी की ओर से किसी वस्तु की आपूर्ति पर किए गए इंटीग्रेटेड (एकीकृत) टैक्स का भुगतान रिफंड (वापस) किया जाएगा और इसे शर्तों और सुरक्षा उपायों के अधीन निर्धारित किया जा सकता है। इस कानून के मुताबिक, “इस खंड के प्रयोजन के लिए, ‘पर्यटक’ शब्द का मतलब आमतौर पर उससे है जो कि भारत का निवासी नहीं है, जो कि वैध तरीके से छह महीने से कम समय के लिए भारत में प्रवेश करता है।”