उपराष्ट्रपति वेकैंया नायडू ने महिलाओं एवं लड़कियों के खिलाफ हालिया अत्याचारों को ‘चिंताजनक’ और ‘शर्मनाक’ बताते हुए सोमवार को कहा कि समस्या से निपटने के लिए सिर्फ विधेयक ले आना काफी नहीं है, सामाजिक बुराइयों को खत्म करने के लिए राजनीतिक इच्छा शक्ति की जरूरत है।

नायडू ने कहा कि लड़कियां जब बाहर जाती हैं तो आमतौर पर उन्हें सतर्क रहने के लिए कहा जाता है लेकिन वक्त आ गया है कि लड़कों को चेताया जाए। फिक्की की ओर से यहां आयोजित एक सम्मेलन में उपराष्ट्रपति ने कहा कि हाल में सामाजिक भेदभाव या लैंगिंग भेदभाव या लड़कियों के खिलाफ अत्याचारों की घटनाएं सच में चिंताजनक हैं। हमें मामले को प्रभावी तरीके से निपटना होगा, कानून लाना काफी नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘मैं अक्सर कहता हूं कि हमारे देश में, हमारी व्यवस्था में एक कमजोरी है कि जब भी कुछ होता है लोग कहते हैं विधेयक लाओ।’ नायडू ने कहा कि सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने के लिए राजनीतिक इच्छा शक्ति और प्रशासनिक कौशल की जरूरत है।
उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘हमारे समाज में आम तौर पर, हम लड़कियों से कहना शुरू करते हैं कि ध्यान से रहना, सूरज ढलने से पहले वापस आ जाना, लेकिन वक्त आ गया है कि हम अपने लड़कों को चेताएं।’ उन्होंने कहा जो हो रहा है वो ‘शर्मनाक’है।
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