सरकार बिजली क्षेत्र में दूसरे चरण के सुधारों को तेजी से आगे बढ़ाने पर काम कर रही है। इसके तहत ग्राहकों को 24 घंटे बिजली नहीं मिलने और स्थानीय समस्याओं को निर्धारित समय पर दूर नहीं किए जाने की स्थिति में वितरण कंपनियों को जुर्माना भरना होगा।

बिजली मंत्री आर के सिंह ने गुरुवार को कहा, हम बिजली क्षेत्र में किए जा रहे सुधारों के तहत उपभोक्ताओं को अधिकार दे रहे हैं। यह पहली बार हो रहा है। बिजली देना एक सेवा है और उसके कुछ मानदंड है। ग्राहकों को 24 घंटे बिजली नहीं मिलने पर वितरण कंपनियों को उन्हें जुर्माना भरना होगा।
इतना ही नहीं ट्रांसफॉर्मर या किसी अन्य स्थानीय गड़बड़ी के निर्धारित समयसीमा में ठीक नहीं होने पर भी वितरण कंपनियों को ग्राहकों को जुर्माना देना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि ये सब नई नीति में प्रावधान किये जा रहे हैं। यह मंत्रिमंडल के पास है जिसे जल्दी ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है। मोदी सरकार का पहला कार्यकाल हर घर बिजली उपलब्ध कराने के लिए सुर्खियों में रहा।
सब्सिडी का लाभ सीधे ग्राहकों को देने की तैयारी बिजली दरों को वाजिब स्तर पर बनाये रखने के लिए क्रास सब्सिडी (एक की लागत पर दूसरे को सब्सिडी) व्यवस्था पर लगाम लगाने और सब्सिडी का लाभ सीधे ग्राहकों को देने जैसे उपाय किये जा रहे हैं। सेवा गुणवत्ता का निर्धारण केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग और राज्य विद्युत नियामक आयोग मिलकर करेंगे। जुर्माने की राशि का निर्धारण राज्य विद्युत नियामक करेंगे।
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