अयोध्या। राम मंदिर विवाद पर अब दोनों पक्षों के बीच बात बनती हुई नजर आ रही है। मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा त्योहार ईद-उल-फित्रअयोध्या के लोगों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है। दरअसल, इस पूरे विवाद पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत ज्ञानदास और बाबरी मस्जिद मामले के पक्षकारों के बीच मुलाकात हुई। महंत ज्ञानदास द्वारा इन पक्षकारों को ईद की बधाई देने के साथ ही आपसी सौहार्द्र बढ़ाने की एक पहल भी शुरू हुई।

राम मंदिर बनने में कोई ऐतराज नहीं
महंत ज्ञानदास ने मुस्लिम पक्षकारों से इस विवादित मसले के हल के लिए सुलह के प्रयास की बात भी कही। वहीं मुस्लिम पक्षकार हाजी महबूब ने भी नरमी दिखाते हुए कहा, क्यों नहीं! मंदिर बनने से कोई ऐतराज नहीं है। लेकिन मंदिर बनाने के लिए कोई खून खराबा ना हो। मिल-जुलकर आपसी समझौते के आधार पर मंदिर का निर्माण हो, हम मंदिर बनाने के विरोध में बिल्कुल भी नहीं हैं बल्कि हम सभी मुस्लिम भाई भी हिंदू भाइयों का साथ देंगे मंदिर बनाने के लिए।
हाजी महबूब ने यह भी बताया कि 13 साल के बाद एक बार फिर महंत ज्ञानदास उनके घर आए। उन्होंने भी दिल खोल कर उनका स्वागत किया और कहा कि इस मसले का हल हम मिल बैठकर निकाल लेंगे। वहीं इस पूरे मामले पर महंत ज्ञानदास ने कहा कि उन्हें ऐसा राम मंदिर नहीं चाहिए जो खून से सना हो। मंदिर बने, लेकिन आपसी सौहार्द पर बने।
वहीं हाजी महबूब ने कहा कि वह राम मंदिर बनने के खिलाफ नहीं हैं। अयोध्या का माहौल खुशगवार हो, हाजी महबूब ने कहा कि वे पहले से ही कहते रहे हैं कि अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बने लेकिन शांति से बने। उन्होंने आगे कहा कि मंदिर निर्माण में सभी मुस्लिम भाई मिलकर हिंदू भाइयों का साथ भी देंगे। उन्होंने यह भी माना कि विवादित स्थल पर उनको कोई मस्जिद नहीं बनानी। लेकिन इस मामले का हल शांति से हो आपस में विवाद करके इस मामले का हल नहीं हो सकता।
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