एक ओर जहां लोग पेड़ों को बचाने हेतु जोर-शोर से मुहिम चला रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग पेड़ पर बोर्ड और बिजली का तार टांग कर उसे बर्बाद भी कर रहे हैं. यहां हाल चेन्नई में खूब देखने को मिल रहा है.
जहां अब ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन द्वारा सड़क किनारे लगे पेड़ों पर विज्ञापन, तार या लाइट्स लगाकर उन्हें नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ बड़ा कदम उठाया गया है.
बताया जा रहा है कि अब ऐसा करने पर लोगों के साथ-साथ निजी संस्थाओं पर 25,000 रुपये का जुर्माना साथ ही तीन साल जेल की सजा का प्रावधान भी किया गया है. पेड़ों से दस दिन में विज्ञापन हटाने की चेतावनी देते हुए चेन्नई कॉर्पोरेशन द्वारा कहा गया है कि पेड़ों पर कील ठोकना प्रकृति के खिलाफ है.
साथ ही दूसरी ओर वनस्पति विशेषज्ञों ने कहा है कि पेड़ों पर कील ठोकने और उन पर लाइट लगाने से पेड़ों को कई तरह के रोग भी हो जाते हैं. वहीं उनके बढ़ने पर भी असर पैदा होता है. वहीं पेड़ भले ही सेहतमंद दिखें, हालांकि अंदर से वह खोखले हो ही जाते हैं और पेड़ों पर लाइट लगाने से उनकी फोटोसिंथेसिस प्रक्रिया रात के वक्त होने लग जाती है. साथ ही पेड़ों की प्रजनन क्षमता पर भी इसका असर देखने को मिलता है. इससे पहले बीते माह मद्रास हाईकोर्ट द्वारा कॉर्पोरेशन को पेड़ों की कील, विज्ञापन लगाने वालों और पेड़ों पर से केबल तार ले जाने वालों पर कार्रवाई के मामले में हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा गया था.