
ईरानी राजनयिक रफी से जब पूछा गया कि उसके विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने अपनी हालिया पाकिस्तान यात्रा के दौरान क्या पाकिस्तानी समकक्षों के साथ जाधव का मामला उठाया था. इस पर रफी ने बताया कि उस दौरान यह मामला नहीं उठाया गया था. हालांकि इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ईरानी सरकार ने जाधव से पूछताछ करने के लिए पाकिस्तान से इजाजत मांगी है. यहां उन्होंने यह भी साफ किया कि इस मामले में बात आगे नहीं बढ़ पाई है.
बता दें कि भारतीय नौसेना के पूर्व कर्मचारी कुलभूषण जाधव रिटायरमेंट लेकर बिजनेस के सिलसिले में ईरान गए थे, जहां पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों ने उन्हें अगवा कर लिया. हालांकि पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षा बलों ने 3 मार्च, 2016 को बलुचिस्तान से जाधव को गिरफ्तार किया. उसका आरोप है कि जाधव बलूचिस्तान और कराची में जासूसी और आतंकवाद फैलाने का काम कर रहे थे.
जाधव की गिरफ्तारी की खबर मिलने के बाद भारतीय उच्चायोग ने दर्जनों बार उनसे मिलने की इजाजत मांगी थी. लेकिन पाकिस्तान ने सभी अंतरराष्ट्रीय कानूनों को दरकिनार करते हुए इसकी इजाजत नहीं दी. फिर 11 अप्रैल, 2017 को अचानक खबर आई कि पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने उन्हें फांसी की सजा सुनाई है.
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