भारत सरकार के साथ हेलिकॉप्टर सौदे में फंसी इटली की रक्षा मामलों की कंपनी लियोनार्डो के दो उच्च अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट ने आरोप से बरी कर दिया। वर्ष 2010 में अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घूसकांड में इन दोनों अधिकारियों का नाम आया था।
इनमें से एक जोसेफ ओर्सी इटली सरकार की कंपनी फिनमैक्केनिका के सीईओ थे, दूसरे अधिकारी ब्रूनो स्पेज्नोलिनी इसके हेलिकॉप्टर कारोबार से जु़डे विभाग के प्रमुख थे। दोनों पर हेलिकॉप्टर सौदे में घूस देने के आरोप लगे थे। भारत और इटली में यह घूसकांड बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना था।
भारत में केस पर प़़डेगा असर- भ्रष्टाचार और मनी लांड्रिंग से संबंधित एक अलग मामला भारतीय अदालत में चल रहा है। ओर्सी के वकील एनियो अमोडियो ने उम्मीद जताई है कि इटली की सुप्रीम कोर्ट के फैसले का असर भारतीय अदालत में चल रहे मामले पर भी प़़डेगा। लंबी जांच में पाया गया है कि दोनों ने भ्रष्टाचार संबंधी कोई अपराध नहीं किया।
सरकार की तरफ से पेश अधिवक्ता ने इटली की सुप्रीम कोर्ट में कहा कि दोनों के खिलाफ पर्याप्त सबूतों का अभाव है, इसलिए उन्हें आरोपों से बरी किया जाना चाहिए। 2016 में निचली अदालत ने इन दोनों को दोषी माना था। इन पर 12 हेलिकॉप्टरों के सौदे में 672 मिलियन डॉलर (4,683 करो़ड रुपए) की रिश्वत देने का आरोप साबित हुआ था। उसके लिए दोनों को क्रमश: चार साल और सा़ढे चार साल के कारावास की सजा दी गई थी। बाद में 2018 में एक अन्य अपील कोर्ट ने दोनों को आरोपों से बरी कर दिया। सुप्रीम कोर्ट में मामले की अपील के बाद बुधवार को वहां से भी दोनों अधिकारियों को क्लीन चिट मिल गई।