उन्होंने कहा कि उनके देश में इस खेल को तेजी से बढ़ाने के लिए बीसीसीआई ने अहम भूमिका निभाई है। अफगानी क्रिकेटरों ने शुरूआती वर्षों में पाकिस्तान में काफी ज्यादा ट्रेनिंग की है और इनमें से कुछ एक ने तो सीमा के उस पार लगे शरणार्थी शिविरों में इस खेल को खेलना शुरू किया था। युद्ध से प्रभावित हमारे देश ने पाकिस्तान के खिलाफ ही अपना पहला इंटरनेशल टी-20 और वन-डे खेला था।
स्टैनिकजई का मानना है कि अफगानिस्तान क्रिकेट के स्तर में सुधार 2015 में ग्रेटर नोएडा को अपना घरेलू मैदान बनाने के बाद काफी तेज हुआ। उन्होंने कहा कि इस बदलाव में बीसीसीआई का किरदार काफी अहम है।
उन्होंने कहा हमारी टीम जब से भारत आई है तब से वह बेहतर क्रिकेट खेलने लगी है। भारत में हमारे खिलाड़ियों को जो सुविधाएं मिल रही हैं, वह काफी रास आ रही है।
यह पूछने पर कि वह भारत की भूमिका की तुलना पाकिस्तान से कैसे करेंगे तो उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान में हमने शुरूआती चरण में काफी ट्रेनिंग की। पीसीबी का समर्थन भी काफी था। लेकिन जब से हम भारत आये हैं, हमने काफी बड़ी चीजें हासिल की हैं। हम पहले एसोसिएट सदस्य थे और पाकिस्तान में अभ्यास में निचले टीयर में खेलते थे। जब से हम भारत आये हैं, हमने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। हम ऐसे चरण में पहुंच गए हैं, जहां हम सर्वश्रेष्ठ के साथ खेल रहे हैं।’
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