इस साल अप्रैल से जून के बीच देश में इक्विटी में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) 60 फीसद की कमी के साथ 6.56 अरब डॉलर (49,820 करोड़ रुपये) पर रह गया। डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) की ओर से जारी आंकड़े में ऐसा कहा गया है। पिछले साल अप्रैल से जून के बीच यह आंकड़ा 16.33 अरब डॉलर पर था।
DPIIT के आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सर्विसेज सेक्टर में 1.14 अरब डॉलर, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर 1.06 अरब डॉलर, टेलीकॉम्युनिकेशन में दो अरब डॉलर, ऑटोमोबाइल सेक्टर में 32.6 करोड़ डॉलर और ट्रेडिंग में 42.6 करोड़ डॉलर की एफडीआइ देखने को मिली।
इन आंकड़ों के मुताबिक इस साल अप्रैल से जून के बीच सिंगापुर देश में एफडीआइ का सबसे बड़ा सोर्स बनकर उभरा। आलोच्य अवधि में सिंगापुर की ओर से 1.82 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया। नीदरलैंड से 1.08 अरब डॉलर, मॉरीशस से 90 करोड़ डॉलर, अमेरिका से 64 करोड़ डॉलर और जापान से 41.2 करोड़ डॉलर का FDI आया।
आलोच्य अवधि में महाराष्ट्र, कर्नाटक, दिल्ली, गुजरात और झारखंड जैसे राज्यों ने सबसे ज्यादा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित किया।
देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को मजबूती देने के लिहाज से एफडीआई काफी अहम होता है। उल्लेखनीय है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के मजबूत होने से वृद्धि को बल मिलता है।