अपने बच्चे को बुद्धिमान बनाना चाहते हैं, तो अपनाएं ये 14 विशेष बातें…

माना जाता है कि इस दिशा के कक्ष में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को बुध ग्रह से बुद्धि वृद्धि, गुरु ग्रह में महत्वाकांक्षा एवं जिज्ञासु वृद्धि, चंद्र ग्रह से नवीन विचारों की वृद्धि और शुक्र ग्रह से प्रतिभा वक्तृत्व एवं लेखन कला में निपुणता और धन वृद्धि होती है।
* अध्ययन कक्ष में आदर्शवादी चित्र, सरस्वती माता एवं गुरुजनों के चित्र लगाना चाहिए।
* युद्ध, लड़ाई-झगड़े, हिंसक पशु-पक्षियों के चित्र व मूर्तियां नहीं रखना चाहिए।
* अध्ययन कक्ष में अभ्यास पुस्तकें रखने की रेक एवं टेबल उत्तर दिशा की दीवार से लगी होना चाहिए।
* अध्ययन कक्ष में पेयजल, मंदिर, घड़ी उत्तर या पूर्व दिशा में रखना चाहिए।
* अध्ययन कक्ष को अन्य कक्षों के जमीनी तल से ऊंचा या नीचा नहीं रखें। तल का ढाल पूर्व या उत्तर की ओर रखा जाए।
* अध्ययन कक्ष में केवल ध्यान, अध्यात्म वाचन, चर्चा एवं अध्ययन ही करना चाहिए। गपशप भोग-विलास की चर्चा एवं अश्लील हरकतें नहीं करना चाहिए।
* अध्ययन कक्ष में जूते-चप्पल, मोजे पहनकर प्रवेश नहीं करना चाहिए।
* अध्ययन कक्ष में विद्यार्थी की टेबल पूर्व-उत्तर ईशान या पश्चिम में रहना चाहिए। दक्षिण आग्नेय व नैऋत्य या उत्तर-वायव्य में नहीं होना चाहिए।
* अध्ययन कक्ष में खिड़की या रोशनदान पूर्व-उत्तर या पश्चिम में होना श्रेष्ठ या दक्षिण में संभवतया नहीं रखें।
* अध्ययन कक्ष में शौचालय कदापि नहीं बनाएं।
* अध्ययन कक्ष की रंग संयोजना सफेद, बादामी, फीका, आसमानी या हल्का फिरोजी रंग दीवारों पर और टेबल-फर्नीचर पर श्रेष्ठ है। काला, लाल, गहरा नीला रंग कमरे में नहीं होना चाहिए।
* अध्ययन कक्ष का प्रवेश द्वार पूर्व उत्तर-मध्य या पश्चिम में रहना चाहिए। दक्षिण आग्नेय व नैऋत्य या उत्तर-वायव्य में नहीं होना चाहिए।
* अध्ययन कक्ष में टीवी, मैगजीन, अश्लील साहित्य व सीडी प्लेयर एवं वीडियो गेम, रद्दी अखबार, अनुपयोगी सामान एवं भारी वस्तुएं न रखें।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com