भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को कहा था कि देश में 70 हजार करोड़ रुपये कैश कम है. हालांकि एसबीआई रिसर्च कल के अपने इस दावे से पलट गया है. अपनी नई रिपोर्ट में एसबीआई ने इस कैश की किल्लत को सतही करार दिया है.
एसबीआई रिसर्च ने एक और रिपोर्ट जारी की है. इसमें उसने कहा है कि दिसंबर तिमाही के मुकाबले मार्च तिमाही में एटीएम से पैसे निकालने में गिरावट आई है. इसकी वजह से मामूली कैश की किल्लत हुई है.
एसबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वित्त वर्ष 2018 की दूसरी छमाही में एटीएम से निकासी में 12.2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. तिमाही दर तिमाही के आंकड़ों पर गौर करें, तो एटीएम से निकासी में लगातार वृद्धि हुई है. पहली तिमाही में यह 15.5 फीसदी रहा, दूसरी तिमाही में 6.9 फीसदी और तीसरी तिमाही में यह 8.8 फीसदी पर था. हालांकि चौथी तिमाही में निकासी तीसरी तिमाही के मुकाबले 0.5 फीसदी कम रही.
नई रिपोर्ट में कहा गया है कि चौथी तिमाही में एटीएम से निकासी में कमी आना एक सामान्य घटना है. ऐसे में इसे कैश की किल्लत से नहीं जोड़ा जा सकता है. इससे हमें लगता है कि मौजूदा समय में जो कैश की किल्लत है, वह महज सतही है.
बता दें कि गुरुवार को एसबीआई ने कहा था कि देश में जितनी कैश की आवक होनी चाहिए थी, उतनी नहीं हुई है. इसमें 70 हजार करोड़ रुपये की अभी कमी है. एसबीआई ने कहा कि कैशलेस लेनदेन घटने की वजह से यह स्थिति पैदा हुई है.
एसबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि देशभर के एटीएम में हर महीने औसतन 2.10 लाख करोड़ रुपये निकाले जाते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि कैश की कमी कई चीजों पर निर्भर करती है. इसे तय करने के लिए यह भी देखा जाता है कि देश का नॉमिनल इकोनॉमिक ग्रोथ क्या है. इसके साथ ही यह भी देखा जाता है कि लोगों के पास कितना कैश पड़ा है और देश में डिजिटल ट्रांजैक्शन कितना बढ़ा है.
मालूम हो कि पिछले कुछ दिनों से बिहार, उत्तराखंड , मध्य प्रदेश, गुजरात समेत देश के कई राज्यों में एटीएम से पैसे नहीं निकल रहे हैं. इससे देश में कैश की किल्लत हो गई है. लोगों को काफी ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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