भारतीय नौसेना के शीर्ष कमांडरों ने समुद्र में देश के सामने आने वाली सुरक्षा चुनौतियों की व्यापक समीक्षा की और रणनीतिक रूप से स्थित द्वीपों समेत अपनी युद्ध क्षमताओं को और मजबूत करने की दिशा में काम करने का संकल्प लिया। शुक्रवार को संपन्न हुए नौसेना कमांडर सम्मेलन में देश की समुद्री ताकत को और मजबूत करने के तौर-तरीकों पर प्रमुखता से चर्चा हुई।
भारतीय नौसेना के शीर्ष कमांडरों ने समुद्र में देश के सामने आने वाली सुरक्षा चुनौतियों की व्यापक समीक्षा की और रणनीतिक रूप से स्थित द्वीपों समेत अपनी युद्ध क्षमताओं को और मजबूत करने की दिशा में काम करने का संकल्प लिया।
शुक्रवार को संपन्न हुए नौसेना कमांडर सम्मेलन में देश की समुद्री ताकत को और मजबूत करने के तौर-तरीकों पर प्रमुखता से चर्चा हुई। नौसेना ने शनिवार को एक बयान में बताया कि नई दिल्ली में हुए सम्मेलन में प्रमुख रूप से परिचालन, सामग्री, बुनियादी ढांचे आौर रसद संबंधी पहलों की समीक्षा की गई।
वर्तमान और भविष्य की योजनाओं की समीक्षा
इसके अलावा नौसेना नेतृत्व ने समुद्र में मौजूदा और भावी चुनौतियों को कम करने के लिए द्वीप क्षेत्रों में क्षमता बढ़ाने समेत वर्तमान और भविष्य की योजनाओं की समीक्षा की। नौसेना ने कहा, “भारतीय सेना और वायु सेना के प्रमुखों ने नौसेना कमांडरों के साथ राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए अपने आकलन और सुरक्षा चुनौतियों को साक्षा किया।”
आईएनएस विक्रमादित्य पर हुआ था सम्मेलन
नौसेना सम्मेलन का प्रारंभिक सत्र पांच मार्च को विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य पर हुआ था। इसके बाद सात और आठ मार्च को राष्ट्रीय राजधानी में सम्मेलन हुआ।
हिंद महासागर में चीन की गतिविधियों पर होगी नजर
बता दें कि समुद्र में अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए भारतीय नौसेना ने बुधवार को मिनिकाय द्वीप पर अपना नया बेस ‘आईएनएस जटायु’ शुरू किया। यह रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लक्षद्वीप द्वीपसूमह में नौसेना की परिचालन क्षमताओं को बढ़ाएगा। इस नौसैनिक बेस से हिंद महासागर में चीन की गतिविधियों पर न केवल नजर रखी जा सकेगी बल्कि समुद्री लुटेरों और ड्रग्स तस्करी पर भी लगाम कसने में मदद मिलेगी।