लोकसभा में कुछ सांसदों ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय और अनुसूचित जाति, जनजाति के समुदायों के लिए आवंटन में कमी का सवाल उठाया. सरकार ने साफ किया है कि इनके आवंटन में कोई कटौती नहीं की गई है.
असल में कुछ सदस्यों ने सवाल किया है कि क्या अल्पसंख्यक मामलों और एससी/एसटी के लिए आवंटन कम कर दिया गया है. इस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पेश केंद्रीय बजट पर चर्चा के बाद लोकसभा में अपना जवाब देते हुए इसके बारे में जानकारी दी.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि 2021-22 में अल्पसंख्यक मामलों को लेकर कुल आवंटन 4,811 करोड़ रुपये है, जो मंत्रालय के लिए 8.6% की वृद्धि है. यह मंत्रालय के वास्तविक व्यय से अधिक है.
वित्त मंत्री ने अनुसूचित जाति के कल्याण के लिए 2021-22 में 1,26,259 करोड़ रुपये का आवंटन किया है जबकि इससे पहले 2020-21 में यह धनराशि 83,257 करोड़ रुपये थी. इसी तरह अनुसूचित जनजाति के कल्याण के लिए 2021-22 में 79,942 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है जबकि इससे पहले 2020-21 में यह धनराशि 53,653 करोड़ रुपये थी. कुल मिलाकर अनुसूचित जाति और जनजाति के आवंटन में बढ़ोतरी की गई है.
वहीं गृह मंत्रालय की तरफ दी गई जानकारी के मुताबिक 2020 में बाढ़ और चक्रवात से प्रभावित हुए आंध्र प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु, पुडुचेरी और मध्य प्रदेश को अतिरिक्त केंद्रीय सहायता मुहैया कराई गई है. गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति ने इस केंद्रीय सहायता को मंजूरी दी है.