देहरादून। अनुपमा गुलाटी मर्डर केस में न्यायालय ने अपने निर्णय को सुरक्षित रखा है। मिली जानकारी के अनुसार अपर जिला न्यायाधीश पंचम विनोद कुमार के न्यायालय में इस प्रकरण की अंतिम बहस पूरी हुई। न्यायालय इस मामले में 31 अगस्त को निर्णय देगा। उक्त हत्याकांड का आरोपी अनुपमा गुलाटी का पति राजेश गुलाटी बताया जा रहा है।‘मेक-इन-इंडिया’ का जादू, लॉकहीड मार्टिन ने दिया भारत में F-16 लड़ाकू विमान बनाने का ऑफर
इस मामले में जिले के सरकारी एडवोकेट जीपी रतूड़ी ने प्रकरण की पैरवी की। अनुपमा गुलाटी हत्याकांड दिसंबर 2010 में सामने आया। इस मामले में अभियोजन पक्ष द्वारा जिला शासकीय अधिवक्ता जीपी रतूड़ी द्वारा मामले की पैरवी की गई है। गौरतलब है कि वर्ष 2010 के दिसंबर माह में अनुपमा गुलाटी की हत्या क्र दी गयी थी.
घटना की जानकारी तब मिली जब एक रिश्तेदार अनुपमा गुलाटी से मिलने पहुॅंचा था। वह पत्नी अनुपमा गुलाटी, दो बच्चों, सिद्धार्थ और सोनाक्षी के साथ रहा करता था। साॅफ्टवेयर इंजीनियर राजेश गुलाटी ने कहा कि अनुपमा गुलाटी तो मायके में है और वह लगभग डेढ़ माह से मायके गई हुई है। मगर इस मामले में संदेह होने पर नातेदार ने पुलिस को जानकारी दी।
पुलिस गुलाटी के पास पहुॅची तो उन्होंने डीप फ्रीजर से अनुपमा गुलाटी के शव को बरामद किया। गुलाटी का शव कई टुकड़ों में विभाजित था। इसके बाद पुलिस ने अपनी कार्रवाई की जाॅंच के दौरान आरोप लगे कि अनुपमा की गला दबाकर हत्या की गई। दूसरी ओर स्टोन कटर और आरी से शव को कई टुकड़ों में काट दिया गया और उसे डीप फ्रीज कर संग्रहित कर दिया गया।