गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा है कि डॉ. भीमराव आंबेडकर समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के पक्ष में थे। विजय रूपाणी ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि संविधान के लेखक आंबेडकर सभी नागरिकों के बीच समानता लाने के लिए एक समान नागरिक संहिता के पक्ष में थे और इसका कार्यान्वयन एक अधूरा कार्य बना हुआ है।

उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म करते हुए जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान किया गया। वर्षों के बाद इन सभी लोगों को दर्द से राहत मिली है। लेकिन अब यूसीसी को लाने के बारे में सोचने का समय आ गया है।
उन्होंने कहा, अनुच्छेद 370 दर्दनाक और एक अधूरा काम था क्योंकि संविधान उस राज्य (जम्मू-कश्मीर) में लागू नहीं होता था। हालांकि, हमारा संविधान लचीला है। रूपाणी ने तीन दिवसीय विधानसभा सत्र के पहले दिन कहा, जब भी जरूरत होगी हम इसमें संशोधन कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, अब तक संविधान में 103 संशोधन किए गए और अनुच्छेद 370 को भी इस तरह के एक संशोधन के जरिए खत्म कर दिया गया। रूपाणी संविधान दिवस के उत्सव के बारे में एक प्रस्ताव पर बोल रहे थे। संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में 26 नवंबर को दिवस मनाया जाता है।
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