अनिल अंबानी पर फिर से संकट आ गया है। उनके बिजनेस ग्रुप पर मुसीबतें बढ़ती दिख रही हैं। दरअसल एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट ने अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप से जुड़ी 40 से ज्यादा प्रॉपर्टीज को फ्रीज कर दिया है, जिनकी वैल्यू ₹3,000 करोड़ से अधिक आंकी जा रही है।
इनमें अंबानी का पाली हिल वाला घर और भारत के बड़े शहरों में फैली कई प्रॉपर्टीज शामिल हैं। इस खबर के बीच उनकी कंपनियों रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्राट्रक्चर के शेयर गिर गए हैं।
शेयरों में आई गिरावट
सुबह करीब साढ़े 9 बजे रिलायंस पावर का शेयर 0.47 रुपये या 1.01 फीसदी गिरकर 45.95 रुपये पर है। वहीं रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर का शेयर 3.70 रुपये या 1.72 फीसदी गिरकर 210.85 रुपये पर है। आज ये 204 रुपये तक गिरा है।
कई शहरों में संपत्ति जब्त
ED ने कहा है कि इसने अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप की कंपनियों से जुड़ी करीब ₹3,084 करोड़ की प्रॉपर्टीज को अस्थायी रूप से अटैच किया है। ये आदेश प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) की धारा 5(1) के तहत 31 अक्टूबर, 2025 को जारी किए गए थे।
ED ने जिन जगहों पर प्रॉपर्टीज अटैच की है, उनमें दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, मुंबई, पुणे, ठाणे, हैदराबाद, चेन्नई, कांचीपुरम और ईस्ट गोदावरी शामिल हैं। इन प्रॉपर्टीज में ऑफिस स्पेस के साथ-साथ रहने के लिए यूनिट्स और लैंड पार्सल शामिल हैं।
आखिर क्या है पूरा मामला
यह मामला रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस द्वारा जुटाए गए पब्लिक फंड के कथित डायवर्जन और मनी लॉन्ड्रिंग का है। बता दें कि 2017 और 2019 के बीच, यस बैंक ने रिलायंस होम फाइनेंस में ₹2,965 करोड़ और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस में ₹2,045 करोड़ का निवेश किया।
दिसंबर 2019 तक, ये निवेश बेकार हो गए, जिसमें रिलायंस होम फाइनेंस के लिए ₹1,353.50 करोड़ और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस के लिए ₹1,984 करोड़ अभी भी बकाया थे।
ED ने पाया कि इन कंपनियों में पूर्व रिलायंस निप्पॉन म्यूचुअल फंड द्वारा सीधे निवेश SEBI के म्यूचुअल फंड के लिए कॉन्फ्लिक्ट-ऑफ-इंटरेस्ट नियमों के तहत अनुमति नहीं थी। इस नियम से बचने के लिए, म्यूचुअल फंड के जरिए पब्लिक से जुटाया गया पैसा यस बैंक के निवेश के जरिए इनडायरेक्ट तरीके से अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनियों तक पहुंचाया गया।
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