अदाणी ग्रुप शेयर एक लेटर से बने रॉकेट, पैसा कमाने के लिए टूट पड़े निवेशक

अदाणी ग्रुप की कंपनियों में जोरदार तेजी जारी है। शेयरों में तूफानी तेजी के पीछे का कारण है एक लेटर। एक लेटर की वजह से रॉकेट बन गए। वो लेटर था SEBI का। जी हाँ ये वही लेटर है जिसमें सेबी ने भारत के दिग्गज अरबपति बिजनेसमैन गौतम अदाणी को क्लीन चिट दी। ये क्लिन चिट हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोप पर थी। फिर क्या एक लेटर ने ऐसी धूम मचाई की अदाणी ग्रुप की कंपनियों में निवेश करने वालों की चांदी हो गई। सबसे ज्यादा चर्चा में रहा Adani का पावर स्टॉक Adani Power। इस कंपनी के शेयरों में बड़ी रैली देखने को मिली।

एक दिन में बढ़ा 46,000 रुपये बढ़ा मार्केट कैप

Adani Group का मार्केट कैप 46,000 करोड़ रुपये से ज्यादा बढ़कर 13.8 लाख करोड़ रुपये हो गया, जिसमें व्यक्तिगत शेयरों में 10% तक की उछाल आई। निवेशकों ने जनवरी 2023 से समूह पर लगे नियामकीय दबाव के खत्म होने का स्वागत किया।

हम इस खबर को 1 बजकर 18 मिनट पर लिख रहे हैं और अदाणी पावर के शेयरों में इस समय 13.71 फीसदी की तेजी है। एक दिन में इसके शेयरों में इतना उछाल आया कि इसके निवेशकों की चांदी हो गई। Adani Power का शेयर खरीदने के लिए निवेशकों में लूट मच गई। इसके शेयर इस समय 717.90 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहे हैं।

एक लेटर और भागने लगे Adani के शेयर

सेबी ने गुरुवार को अपने अंतिम आदेश में गौतम अडानी और उनके समूह पर अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए शेयर हेरफेर के आरोपों को बरी कर दिया। सेबी ने कहा कि उसे इस बात का कोई सबूत नहीं मिला कि समूह ने अपनी सूचीबद्ध कंपनियों में धन भेजने के लिए संबंधित पक्षों का इस्तेमाल किया।

Adani Power के साथ इन कंपनियों के भी भागे शेयर

NSE पर अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयर 7.49% बढ़कर 1,053.25 प्रति शेयर पर कारोबार कर रहे हैं। अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन के शेयर 2.14%बढ़कर 1,443.00 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहे थे। NSE पर एसीसी लिमिटेड के शेयर लगभग 1% बढ़कर ₹1,873 प्रति शेयर पर थे। जबकि अंबुजा सीमेंट्स के शेयर 0.69% बढ़कर ₹584.75 प्रति शेयर पर थे।

अदाणी पर रिपोर्ट छापकर हिंडनबर्ग ने मचाई थी खलबली

जनवरी 2025 में अपना कारोबार बंद करने वाली हिंडनबर्ग ने जनवरी 2023 में अडानी समूह के खिलाफ एक रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसमें आरोप लगाया गया कि आदिकॉर्प इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड, माइलस्टोन ट्रेड लिंक्स प्राइवेट लिमिटेड और रेहवर इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड का इस्तेमाल अडानी समूह की विभिन्न कंपनियों से सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध अडानी पावर लिमिटेड और अडानी इंटरप्राइजेज लिमिटेड को धन मुहैया कराने के लिए एक माध्यम के रूप में किया गया। इस रिपोर्ट ने अदाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में हाहाकार मचा दिया था।

जनवरी 2023 की हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद महीनों की जांच और अटकलों के बाद आई है, जिसके कारण सूचीबद्ध अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई थी, जिससे उनके मूल्य में 150 बिलियन डॉलर से अधिक की गिरावट आई थी।

लेकिन SEBI ने दो अलग-अलग आदेशों में कहा कि विस्तृत जांच के बाद अंदरूनी व्यापार, बाजार में हेरफेर और सार्वजनिक शेयरधारिता मानदंडों के उल्लंघन के आरोप निराधार पाए गए।

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