अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय परीक्षा विभाग ने एक जाली अंकसूची पकड़ी है। दरअसल रामकिशन वर्मा नाम के किसी व्यक्ति ने दिल्ली में नौकरी के लिए एमए इतिहास की अंकसूची जमा की थी। कंपनी ने जांच के लिए अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय को अंकसूची भेजी जांच परीक्षण में पता चला कि यह अंकसूची फर्जी है। जिसके बाद परीक्षा विभाग ने उसे लौटा दिया। मामला उजागर होने के बाद परीक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। आशंका है कि प्रदेश के भीतर कोई रैकेट काम कर रहा है। 4 साल पहले भी इस तरह की घटना सामने आ चुकी है।
चार युनिवर्सिटी की डिग्री अमान्य
अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय ने सिक्किम मणिपाल युनिवर्सिटी, माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय, पंजाब टेक्निकल युनिवर्सिटी समेत एक अन्य युनिवर्सिटी को पहले ही बैन किया हुआ है। 2013 में कार्यपरिषद ने युनिवर्सिटी के मार्कशीट को लेने से साफ मना कर दिया है।
पूरक परीक्षा के बाद कॉलेजों में भेजी जा रही अंकसूची
अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय परीक्षा विभाग ने पूरक परीक्षा के बाद अंकसूची प्रिंट आउट ले लिया है। प्रिंटिंग के बाद अब इसे कॉलेजों में भेजी जा रही है। शुक्रवार को करीब 10,000 अंकसूची का वितरण किया गया।
अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के लिए चल रही तैयारी
अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस एंड एप्लीकेशन विभाग द्वारा कल से दो दिनी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। अमेरिका मॉरीशस ओमान कुवैत संयुक्त अरब अमीरात इंग्लैंड तथा दक्षिण अफ्रीका सहित 8 देशों के अलावा भारत के 12 राज्यों से कुल 207 शोध पत्र प्राप्त हो चुका है। राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ मुख्य अतिथि राज्य योजना आयोग रायपुर के उपाध्यक्ष अजय सिंह करेंगे। सम्मेलन जगमल चौक के एक निजी होटल में किया जाएगा।