पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी प्रखर वक्ता एवं संवेदनशील कवि थे। अटलजी ने राजनीति में रहते हुए कभी सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। वह सिद्धांतों में अटल रहने वाले थे। ये बातें प्रदेश के पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. नरेंद्र कुमार सिंह गौर ने कहीं।
पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती समारोह का आयोजन
पूर्व मंत्री डॉ. गौर पूर्व प्रधानमंत्री की जयंती की पूर्व संध्या पर मंगलवार को उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में अटल बिहारी वाजपेयी गुड गवर्नेंस चेयर के तत्ववाधान में आयोजित परिचर्चा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण के क्षेत्र में स्वर्णिम चतुर्भुज योजना में अटलजी का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने कहा अटलजी की विदेश नीति सफल रही। उनके नेतृत्व में देश में तेजी से प्रगति हुई। 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में पोखरन परीक्षण के बाद भारत को विश्व के मानचित्र में एक सशक्त देश के रूप में देखा जाने लगा। डॉ. गौर ने कहा कि संसद में अटल एवं आडवाणी की जोड़ी काफी मशहूर रही। देश को आज ऐसे नेताओं से शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए।
अटलजी के व्यक्तित्व का अनुसरण आज की युवा पीढी को करना चाहिए
समारोह के अध्यक्षता करते हुये स्वास्थ्य विज्ञान विद्या शाखा के निदेशक प्रो. जीएस शुक्ल ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का व्यक्तित्व बहुत विराट था। उनके व्यक्तित्व का अनुसरण आज की युवा पीढी को करना चाहिए। अटल बिहारी वाजपेयी गुड गवर्नेंस चेयर के प्रभारी प्रो. पीके पांडेय ने विषय प्रवर्तन तथा अतिथियों का स्वागत किया। दूरस्थ शिक्षा जागरूकता प्रकोष्ठ के प्रभारी डॉ. अनिल कुमार सिंह भदौरिया ने संचालन एवं डॉ. एस कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया।