अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर इस बात को दोहराया है कि कोरोना वायरस चीन से आया है और वह इस बात को कभी नहीं भूलेंगे। ट्रंप ने कहा कि अगर लोग उन्हें सत्ता में बनाए रखने के लिए वोट करते हैं तो वह चीन से देश की निर्भरता को खत्म करने की कसम खाते हैं। साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि बीजिंग के साथ कोरोना वायरस के बाद पहले जैसे संबंध मायने नहीं रखते हैं।
तीन नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए ट्रंप न्यूपोर्ट वर्जीनिया में शुक्रवार को एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान ट्रंप ने कहा, अमेरिकी अर्थव्यवस्था बहुत अच्छा कर रही थी, फिर हम पर चीन से आए इस वायरस का हमला हो गया। उन्होंने कहा, उन्हें ऐसा कभी नहीं होने देना चाहिए था। हम इसे नहीं भूलेंगे। हमने देश को लगभग बंद किया, हमने लाखों लोगों की जान बचाई। अब हमने रिकॉर्ड के साथ देश को खोल दिया है।
अमेरिका वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित देश है। 2,00,000 से अधिक अमेरिकियों की वायरस से चलते मौत हुई है और देश की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित हुई है, जिससे लाखों नौकरियों का नुकसान हुआ है।
ट्रंप ने कहा कि अगर मुझे अगले चार साल और मिलते हैं, तो मैं अमेरिका को दुनिया की विनिर्माण महाशक्ति बना दूंगा। हम सभी के लिए चीन पर अपनी निर्भरता को समाप्त कर देंगे। ट्रंप के चीन के साथ व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने के तुरंत बाद ही कोरोना का प्रकोप शुरू हुआ। इस समझौते पर हस्ताक्षर के लिए अमेरिका और चीन के बीच लगभग एक साल तक बातचीत चली।
अमेरिका और चीन ने साल की शुरुआत में व्यापार सौदे के फेस-1 पर हस्ताक्षर किए। इस हस्ताक्षर के बाद दो साल से चला आ रहा टैरिफ युद्ध खत्म हो गया। इसके चलते दुनियाभर की अर्थव्यवस्था खासा प्रभावित हुई थी।
मई में ट्रंप ने चीन के साथ व्यापार समझौते को फिर से जारी करने से इनकार कर दिया। वहीं, अमेरिका ने 14 सितंबर को चीन से पांच सामानों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसमें कंप्यूटर-पार्ट्स, कपास और बाल उत्पाद शामिल हैं। अमेरिका ने इसके पीछे की वजह मुस्लिम बहुल शिनजियांग प्रांत में श्रम शिविरों में जबरन लोगों द्वारा इन वस्तुओं के उत्पादन को बताया।