हिंदू धर्म शास्त्रों में कई ऐसे संकेत बताये गए हैं, जिससे आप इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि आपको मनोवांछित कार्य में सफलता मिलेगी या नहीं। इन संकेतों को शगुन-अपशगुन कहा जाता है। हालांकि कई लोग इन बातों को अंधविश्वास मानते हैं लेकिन कई लोग इन बातों पर विश्वास भी करते हैं। इस खबर के माध्यम से हम आपको बता रहे हैं कि घरों में पाले जाने वाले कुत्ते भी अपनी हरकतों से ये इशारे देते हैं कि, घर में खुशी आएगी या गम। बता दें कि, कुत्ते को संस्कृत में श्वान कहा गया है, जिसे यमराज से जोड़ा जाता है। इसीलिए कुत्ते को यहां अशुभ मानते हैं। आइये जानते हैं कुत्ते से जुड़े शगुन-अपशगुन के कई राज…।
-कुत्तों का भौंकना एक सामान्य सी घटना हो सकती है लेकिन जब कोई कुत्ता दिन में आसमान की ओर देखकर भौंके तो यह अच्छा संकेत नहीं होता। माना जाता है कि कुत्ता यह कह रहा है कि आने वाले दिनों में पानी की काफी कमी हो सकती है।
-अगर कहीं जाते हुए रास्ते में कुत्ता दोनों कान फड़फड़ाता हुआ दिख जाए तो जो भी काम आप करने जा रहे हैं उसे स्थगित कर दें। ऐसा कहा जाता है कि जैसे वह बता रहा हूं कि काम नहीं होगा या इसमें नुकसान हो सकता है।
-यदि आप किसी जरूरी काम से जा रहे हैं और रास्ते में कोई कुत्ता आपके सामने जमीन पर लौटने लगे तो समझ लीजिए कि आपका काम नहीं बनेगा।
-अगर कोई कुत्ता आपका जूता या चप्पल लेकर भाग जाए तो सावधान हो जाइए क्योंकि यह आर्थक नुकसान का संकेत होता है। ऐसे हालातों में कहीं दूर की यात्रा पर जाना स्थगित कर देना चाहिए।
– जिस कुत्ते की पुंछ या कान कटे हो औप वह किसी यात्री के सामने आ जाए तो कार्य में असफलता निश्चित है।
– किसी यात्रा पर जाते समय यदि रास्ते में सामने किसी कुत्ते को मुंह में पत्थर दबाए आता दिखाई दे या हड्डी का टुकडा मुंह में दबाए गुर्राता दिखाई दे तो यात्रा के दौरान कष्टों की संभावना रहती है।
– यदि कोई कुत्ता जाते हुए व्यक्ति के साथ बाईं ओर चलता है तो उसे सुंदर स्त्री व धन मिलता है। यदि दाहिनी ओर चले तो चोरी से धन हानि की सूचना देता है।
-यदि किसी रोगी के सामने कुत्ता अपनी पूंछ या ह्रदय स्थल बार-बार चाटे तो शकुन शास्त्र के अनुसार बहुत ही जल्दी उस रोगी की मृत्यु होने की संभावना रहती है।
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