अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अगर देश की संप्रभुता के लिए चीन खतरा पैदा करेगा, तो आत्मरक्षा में कदम उठाए जाएंगे. बाइडेन का यह बयान ऐसे समय में आया है जब संदिग्ध जासूसी गुब्बारे को लेकर एक बार फिर अमेरिका और चीन के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं.
बाइडेन ने मंगलवार रात अपने दूसरे ‘स्टेट ऑफ द यूनियन’ संबोधन में कहा, ‘मैं चीन के साथ सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हूं, जहां वह अमेरिकी हितों को आगे बढ़ा सकता है और दुनिया को फायदा पहुंचा सकता है. हालांकि, कोई संदेह न रखें, हमने पिछले सप्ताह ही स्पष्ट कर दिया था कि अगर चीन हमारी संप्रभुता के लिए खतरा उत्पन्न करता है, तो हम अपने देश की रक्षा के लिए कार्रवाई करेंगे. और हमने ऐसा किया. ’
अमेरिका ने मार गिराया जासूसी गुब्बारा
बता दें अमेरिकी सेना ने पिछले हफ्ते अटलांटिक महासागर के ऊपर संदिग्ध चीनी जासूसी गुब्बारे को मार गिराया. चीन ने रविवार को अमेरिका के इस बल प्रयोग के अंजाम की चेतावनी दी थी.
अमेरिका ने चीन पर देश (अमेरिका) की सीमा के अंदर और संवेदनशील/महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों के ऊपर से जासूसी गुब्बारा उड़ाकर अमेरिकी संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है.
72 मिनट लंबे भाषण में सात बार शी जिनपिंग
बाइडेन ने कहा, ‘… चीन के खिलाफ प्रतिद्वंद्विता/प्रतिस्पर्धा में जीत हमें एकजुट करेगी. हम दुनियाभर में गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. लेकिन पिछले दो साल में, लोकतंत्र मजबूत हुए हैं, कमजोर नहीं. ’
राष्ट्रपति बाइडेन ने अपने 72 मिनट लंबे भाषण में कम से कम सात बार चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का जिक्र किया और उनका पूरा भाषण इस बात पर केन्द्रीत रहा कि अमेरिका किस तरह संघर्ष से बचने का प्रयास करते हुए चीन की किसी भी आक्रमकता से निपटने के लिए तैयार है.
बाइडेन का बयान ‘एकजुटता’ के इर्द-गिर्द रहा. राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा, ‘अमेरिका जलवायु और वैश्विक स्वास्थ्य से लेकर खाद्य असुरक्षा, आतंकवाद और क्षेत्रीय आक्रामकता तक तमाम चुनौतियों का सामना करने के लिए फिर से दुनिया को एकजुट कर रहा है. ’
बाइडेन ने कहा, ‘सहयोगी सक्रिय हो रहे हैं, अधिक खर्च कर रहे हैं, कार्रवाई कर रहे हैं. प्रशांत और अटलांटिक में भागीदारों के बीच संपर्क कायम हो रहे हैं. अमेरिका के खिलाफ जाने वाले लोगों को पता चल रहा है कि वे कितने गलत हैं. अमेरिका के खिलाफ जाना कभी सही नहीं होता.’ उन्होंने कहा कि उनके राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने से पहले कहानी यह थी कि कैसे चीन अपनी ताकत बढ़ा रहा है और अमेरिका दुनिया में पिछड़ रहा है.
बाइडेन ने कहा, ‘ अब ऐसा नहीं है. मैंने राष्ट्रपति शी (चिनफिंग) को स्पष्ट किया है कि हम प्रतिस्पर्धा चाहते हैं, संघर्ष नहीं. ’ उन्होंने कहा, ‘मुझे कोई खेद नहीं है कि हम अमेरिका को मजबूत बनाने के लिए निवेश कर रहे हैं. अमेरिकी नवाचार, उद्योगों में निवेश भविष्य को परिभाषित करेंगे जहां चीन की सरकार हावी होना चाहती है. हमारी उन्नत प्रौद्योगिकियां की रक्षा के लिए हमारे गठबंधन वाले देशों में निवेश कर रहे हैं और हमारे सहयोगियों के साथ काम कर रहे हैं, ताकि उनका इस्तेमाल हमारे खिलाफ न हो पाए. ’
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘स्थिरता की रक्षा करने और आक्रामकता को रोकने के लिए हमारी सेना का आधुनिकीकरण किया जा रहा है. आज हम चीन या दुनिया में किसी और के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए पिछले कई दशकों के मुकाबले काफी मजबूत स्थिति में हैं. ’
चीन ने दी ये प्रतिक्रिया
वहीं चीन बुधवार को बाइडेन के भाषण पर अपनी प्रतिक्रिया दी. चीन ने कहा कि उसे अमेरिका के साथ प्रतिस्पर्द्धा से कोई डर नहीं है, लेकिन उसने ‘चीन-अमेरिका संबंधों को सिर्फ प्रतिस्पर्द्धा के तराजू पर तौलने से इनकार कर दिया. ’
बीजिंग में अपने नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, ‘यह किसी जिम्मेदार देश का व्यवहार नहीं है कि वह वैश्विक औद्योगिक और आपूर्ति श्रृंखला को प्रभावित करके भी प्रतिस्पर्द्धा के बहाने एक देश के विकास करने के वैध अधिकार पर पाबंदी लगा दे और फिर उसकी छवि खराब करे. ’
निंग ने कहा कि चीन अपने हितों की रक्षा करेगा और अमेरिका को ‘द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर विकास के रास्ते पर आगे बढ़ाने के लिए’ चीन के साथ मिलकर काम करना चाहिए.