अगर टीम इंडिया नहीं करती ये गलतियां तो रच देती इतिहास

अगर टीम इंडिया नहीं करती ये गलतियां तो रच देती इतिहास

टीम इंडिया शनिवार को दक्षिण अफ्रीका में इतिहास रचने से चूक गई। विराट कोहली के नेतृत्व वाली टीम इंडिया पहले तो दक्षिण अफ्रीका के पिंक ड्रेस में विजयी रथ रोक नहीं सकी। फिर वह जोहानसबर्ग में चौथा वन-डे गंवाकर सीरीज जीत से भी वंचित रह गई। अगर टीम इंडिया नहीं करती ये गलतियां तो रच देती इतिहासप्रोटियाज ने ‘मेन इन ब्लू’ को चौथे वन-डे में 5 विकेट से हराकर सीरीज का रोमांच बरकरार रखा है। फिलहाल टीम इंडिया सीरीज में 3-1 की बढ़त पर है। ‘विराट ब्रिगेड’ में कुछ कमियां स्पष्ट रूप से दिखी, जिसकी वजह से वह इतिहास रचने से चूक गई। चलिए गौर करते हैं:

1) पहली बार टीम इंडिया के स्पिनर्स पर दिखा दबाव

यह मौजूदा वन-डे सीरीज में पहला मौका रहा, जब भारतीय स्पिनर्स युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव कुछ दबाव में नजर आए। जब एबी डीविलियर्स, डेविड मिलर, मैन ऑफ द मैच हेनरिच क्लासेन और एन्डिल फेह्लुक्वायो दमदार खेल नहीं दिखा पा रहे थे, तब टीम इंडिया की स्पिन जोड़ी भी कोई कमाल नहीं दिखा सकी। इसका खामियाजा टीम को हारकर भुगतना पड़ा।

चहल ने कुछ गेंदें ऑफ स्टंप के बाहर की, लेकिन इस बार यह कारगर साबित नहीं हुई। जब टीम को आक्रमण करना था, तब रिस्ट स्पिनर्स अपनी लेंथ खोते दिखे और कई गेंदें शॉर्ट पिच की। दोनों ने मिलकर कुल 69 गेंदें डाली, जिसमें 119 रन खर्च किए और केवल तीन विकेट हासिल किए।

2) लाइटनिंग ब्रेक ने काम किया तमाम

जब बारिश के कारण खेल रुका, तब टीम इंडिया 34.2 ओवर में दो विकेट खोकर 200 रन बना चुकी थी। तब यह लग रहा था कि कोहली का विकेट खोने के बावजूद टीम इंडिया करीब 350 रन का स्कोर बनाएगी। शिखर धवन और अजिंक्य रहाणे ब्रेक के समय क्रमशः 107 व 5 रन बनाकर क्रीज पर मौजूद थे।

ब्रेक के बाद जब मैच शुरू हुआ, तो टीम इंडिया ने धवन और रहाणे के विकेट जल्दी-जल्दी गंवा दिए। इससे टीम इंडिया का रनरेट धीमा हुआ और दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाजों को हावी होने का मौका मिला। अगले 15 ओवर में टीम इंडिया सिर्फ 89 रन जोड़ सकी जबकि उसने 5 विकेट गंवा दिए। टीम इंडिया का स्कोर 289/7 रहा, जो स्थिति को देखते हुए काफी कम लगा।

3) बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग में की बड़ी गलतियां

टीम इंडिया की चौथे वन-डे में कई खामियां देखने को मिली। विराट कोहली पहले तीन वन-डे में हवाई शॉट्स खेलते नहीं दिखे, लेकिन शनिवार को उन्होंने कई बार बड़े शॉट्स खेलने का प्रयास किया। मोरिस की गेंद पर उन्होंने एक रिस्की शॉट खेला, जिसका खामियाजा टीम को भुगतना पड़ा और डेविड मिलर ने उनका आसान कैच लपका। 

वहीं गेंदबाजी में भी खिलाड़ियों का जोश पहले के तीन वन-डे की तुलना में कम नजर आया। चहल ने दो नो बॉल डाली, जिसमें से एक पर मिलर का विकेट मिला जबकि दूसरे पर क्लासेन ने छक्का जड़ दिया।

टीम इंडिया का दिन खराब ही मान सकते हैं क्योंकि फील्डिंग भी उसकी टॉप लेवल की नजर नहीं आई, जिसके लिए वह जानी जाती है। श्रेयस अय्यर ने चहल की गेंद पर स्क्वायर लेग में ‘किलर मिलर’ का कैच टपका दिया। टीम इंडिया इन गलतियों के चलते मैच गंवा बैठी।

4) ओवर्स का घटना

खराब मौसम के कारण जब दूसरी बार मैच रुका, तब यह तय हो गया कि पूरे 50 ओवर का मैच नहीं होगा। दूसरे ब्रेक के दौरान दक्षिण अफ्रीका का स्कोर 7.2 ओवर में 1 विकेट पर 43 रन था। फिर ब्रेक के बाद उसे 28 ओवर में 202 रन का संशोधित लक्ष्य मिला।

कई लोग यह कह सकते हैं कि प्रोटियाज टीम पर दबाव बढ़ा होगा, लेकिन सच्चाई यह रही कि स्थिति उनके पक्ष में गई।

मौजूदा दक्षिण अफ्रीकी टीम टी20 प्रारूप में काफी अनुभवी है। यही हुआ कि रिस्ट स्पिनर्स से खौफ खाने वाले अफ्रीकी बल्लेबाजों ने मैदान के चारों कोनों में शॉट्स घुमाए और कुलदीप-चहल की जमकर पिटाई की। इस दौरान मिलर और क्लासेन अलग ही रूप में नजर आए।

5) मैदान का गीला होना पड़ गया भारी

जब वांडरर्स मैदान पर बारिश हुई तो स्क्वायर के आकार को कवर कर दिया गया जबकि शेष मैदान पानी से भीगता रहा।

जब मैच दोबारा शुरू हुआ तो आउटफील्ड काफी गीली थी। इससे टीम इंडिया को दो बड़ी मुश्किलें हुई; पहली कि स्पिनर्स की ग्रिप पर पकड़ नहीं बनी और दूसरी फील्डिंग भी चुनौती बन गई।

चहल और ‘चाइनामैन’ कुलदीप यादव जो अब तक टीम इंडिया के ट्रंप कार्ड साबित हुए, उनकी खूब पिटाई हुई। वह गेंद को स्पिन नहीं करा पाए। उनकी गेंद पिच पर पड़ने के बाद फिसली नहीं और सीधे बल्ले पर जाकर लगी। गीले मैदान के कारण कुछ मिसफील्डिंग देखने को मिली, जिससे टीम इंडिया को काफी नुकसान हुआ।

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