अगर आप वज़न कम करना चाह रहे हैं तो खाने में न डालें ये 4 तरह के तेल..

तेल का सेवन हम सभी की सेहत के लिए ज़रूरी होता है। आमतौर पर धारणा यह है कि तेल शरीर का दुश्मन होता है, जबकि सच यह है कि सही तेल का सेवन शरीर को फायदा पहुंचा सकता है। सैचुरेटेड फैट्स और ट्रांस फैट्स युक्त तेल कोलेस्ट्रॉल और दिल की बीमारी का कारण बनते हैं। अगर आप वज़न कम करना चाह रहे हैं, तो आपको कुछ खास तरह का तेलों का उपयोग करना चाहिए।

ज़ैतून का तेल

ऑलिव ऑयल कोलेस्ट्रॉस के बढ़ने के जोखिम को कम करता है और साथ ही वज़न बढ़ने नहीं देता। इसका उपयोग सलाद की ड्रेसिंग के लिए किया जा सकता है और साथ खाना पकाने के लिए भी। इसके अलावा ज़ैतून के तेल में विटामिन-ई की भी अच्छी मात्रा होती है, जो एक ज़रूरी विटामिन है।

नारियल का तेल

इस तेल का उपयोग खाने को पकाने में खूब किया जाता है, लेकिन फिर भी यह एक पॉपुलर पसंद नहीं है। नारियल का तेल मेटाबॉलिज़्म को बेहतर बनाता है, जिससे पेट लंबे समय तक भरा महसूस करता है। इसका सेवन वज़न को बनाए रखने में मददगार साबित हो सकता है।

तिल का तेल

यह तेल सेसामोल और सेसामिनोल जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, तिल का तेल वज़न घटाने और सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। यह तेल डायबिटीज़ में भी लाभदायक साबित होता है। इसका सेवन डायबिटीज़ के मरीज़ों में ब्लड शुगर के स्तर को कम करता है।

कुसुम का तेल

कुसुम का तेल यानी Safflower oil, सैफ्लाउअर के फूलों से निकाला जाता है, जो हेल्दी होता है। इसका सेवन न सिर्फ वज़न को कंट्रोल करने में मदद करता है, बल्कि इससे शरीर में सूजन, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर में भी सुधार होता है।

वज़न घटाना है तो इन तेलों से बनाएं दूरी

फिश ऑयल, फ्लेक्स ऑयल, पाम ऑयल और अखरोट का तेल खाने से बचना चाहिए अगर आप वज़न घटाना चाह रहे हैं। इन तेलों में कैलोरी की मात्रा काफी ज़्यादा होती है और स्मोकिंग पॉइंट भी कम होता है। जिन तेलों को उनके स्मोकिंग पॉइंट से ज़्यादा जला दिया जाता है, वे अस्वस्थ कम्पाउंड का उत्पादन करते हैं, जिससे शरीर को नुकसान पहुंचता है।

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