अगर आप भी घर में रखते है गंगाजल तो पढ़े ये जरूरी खबर

गंगा को भारत की सबसे पवित्र नदी माना जाता है और कहते हैं कि यह गंगोत्री ग्लेशियर की गहराई से निकलती है। आपको बता दें कि गंगा मानव जीवन में पवित्रता लाती है और गंगा पापो को धोने वाली नदी मानी जाती है। कहते हैं गंगा के पवित्र जल में स्नान करने से व्यक्ति अपने अस्तित्व के मूल में शुद्ध हो जाता है। इसी के साथ धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह नदी स्वर्ग में बहती थी और भूमि को शुद्ध करने के लिए पृथ्वी पर लाई गई थी। जी दरअसल  भगवान शिव ने नदी को अपने बालों की जटाओं में फंसाकर और उसे सात सहायक नदियों में छोड़ दिया।

दूसरी तरफ प्राचीन परंपराओं के अनुसार, धार्मिक और शुभ कार्यों के लिए गंगाजल (गंगा जल) का उपयोग किया जाता है। चाहे बच्चे का जन्म हो या किसी व्यक्ति की मृत्यु, गंगाजल से सभी को पवित्र किया जाता है। जी दरअसल ऐसी मान्यता है कि गंगा के पावन जल में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप दूर होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। जी हाँ और यही कारण है कि तमाम तीज-त्योहारों पर बड़ी संख्या में लोग गंगा तट पर स्नान-दान आदि के लिए पहुंचते हैं। हालाँकि ऐसा करने से पहले आपको यह जरूर पता होना चाहिए कि गंगाजल को किस पात्र में रखना और कहां रखना चाहिए? आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं।

गंगाजल से जुड़े जरूरी नियम- 
* तन, मन और आत्मा को पवित्र करने वाले गंगा जल को कभी भी अपवित्र स्थान पर नहीं रखना चाहिए।
* पूजा के दौरान संकल्प में प्रयोग लाए जाने वाले गंगाजल को हमेशा कांसे या तांबे के बर्तन में भरकर रखना चाहिए।
* कहा जाता है गंगा जल को कभी भी प्लास्टिक के बर्तन में न रखें।
* गंगाजल को कभी भी जूठे हाथ या फिर जूते-चप्पल पहनकर नहीं छूना चाहिए।
* गंगाजल को किसी अंधेरे वाली जगह पर बंद करके नहीं रखना चाहिए।
* गंगा जल को हमेशा अपने घर के ईशान कोण यानि पूजा घर में ही रखना चाहिए।
* अगर आपके पास थोड़ी मात्रा में गंगाजल है तो आप पूजा वाले जल में उसे मिलाकर उसे गंगाजल की भांति ही प्रयोग में ला सकते हैं।
* गंगाजल को स्पर्श करके कभी झूठ नहीं बोलना चाहिए।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com