दरअसल, बैंकों ने हाल ही में एक नियम में बड़ा बदलाव किया। इनमें एसबीआई भी शामिल हैं। इन बैंकों ने अब खाते में न्यूनतम बैलेंस रखना अनिवार्य कर दिया है, लेकिन ये शर्त जन धन योजना के तहत खोले गए खातों पर लागू नहीं होगी। यानि अगर आपने भी जन धन का खाता खोल रखा है तो आपको मिनिमम बैलेंस रखने की टेंशन नहीं रहेगी। आप अपनी मर्जी से जितना चाहे उतना पैसा निकाल सकते हैं।बैंक अधिकारियों के अनुसार, जनधन योजना के तहत खुलवाए गए खातों के अलावा विशेष योजना या बुनियादी बचत खातों पर भी ये शुल्क लागू न होने की बात कही गई है। इसके अलावा स्टाफ, स्टूडेंट्स और सैलरी अकाउंट में भी मिनिमम बैलेंस की कोई शर्त नहीं लगाई गई है। वहीं, यदि आपका एसबीआई में सामान्य खाता है तो तो अब मिनिमम बैलेंस न रखने पर आपको फाइन लगेगा।
दरअसल एसबीआर्इ ने एक अप्रैल 2017 से खातों में न्यूनतम बैलेंस रखना अनिवार्य कर दिया है। चंडीगढ़ में बैंक के एक बड़े अधिकारी के अनुसार अब मेट्रो शहरों में सेविंग बैंक अकाउंट होल्डर के लिए 3,000 रुपए का मिनिमम एवरेज बैलेंस (मंथली) ही अनिवार्य होगा। इससे पहले यह लिमिट 5,000 रुपए थी। वहीं शहरी, अर्ध शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मिनिमम बैलेंस की शर्त क्रमश: 3,000 रुपए, 2,000 रुपए और 1,000 रुपए रहेगी।
एसबीआई ने पेंशनभोगियों, सरकार की सामाजिक योजनाओं के लाभार्थियों तथा नाबालिग खाताधारकों को बचत खाते में न्यूनतम बकाया की सीमा से छूट दी है। बैंक ने मिनिमम बैलेंस न रखने पर जुर्माना भी घटा दिया है। बैंक ने जुर्माना राशि 20 से 50 फीसदी कम की है। अर्द्धशहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह शुल्क या जुर्माना राशि 20 से 40 रुपये होगी। वहीं शहरी और महानगरों के लिए यह 30 से 50 रुपये होगी।