लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा)अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार लगातार किसानों की उपेक्षा कर रही है और उसने समाजवादी सरकार के दौरान किसानों के हित में किए कार्यों को रोक दिया। मंडियों का काम पूरा नहीं करने दिया। किसानों से जुड़ी योजनाओं को बजट नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकार एक्सप्रेस-वे के किनारे मंडियों का निर्माण करा रही थी जिससे किसानों को उनकी फसल की उपज की अच्छी कीमत मिलती, लेकिन भाजपा सरकार ने द्वेषभावना के चलते काम पूरा नहीं होने दिया। कन्नौज के ठठिया में आलू मंडी का काम हो या कन्नौज के काऊ मिल्क प्लांट का कार्य। भाजपा ने अपनी नकारात्मक कार्य प्रणाली से विकास कार्यों में रोड़ा अटकाया।
‘सरकार को किसानों का दर्द दिखाई और सुनाई नहीं देता’
अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने बड़ी सोच के साथ काऊ मिल्क प्लांट लगवाया था, लेकिन प्लांट को न खोलकर भाजपा ने अपनी नकारात्मक राजनीति को जाहिर कर दिया।
काऊ मिल्क प्लांट का कार्य पूरा होने से हजारों दुग्ध किसानों को लाभ मिलता और लाखों बच्चों को सही पोषण मिलता। गोवंश का सम्मान समाजवादी सरकार में हुआ। भाजपा सरकार में तो गोवंश की दुर्दशा है। सरकारी गौशालाओं में गायों को चारापानी तक नहीं मिल रहा है। ठंड में गायें मर रही हैं। उन्होंने कहाकि भाजपा सरकार में गेंहू, धान समेत आलू, गन्ना सभी फसलों के किसान उपेक्षा के शिकार है। उद्योगपतियों और धन्ना सेठो की पोषक भाजपा सरकार को किसानों का दर्द दिखाई और सुनाई नहीं देता है।
‘आखिर किसान अपनी उपेक्षा कब तक बर्दाश्त करेगा’
सपा प्रमुख ने कहा, प्रदेश में पिछले दिनों गेंहू, चना, सरसों किसानों को डीएपी खाद की भारी कमी का सामना करना पड़ा। डीएपी खाद के लिए कई जिलों में किसानों को भारी संघर्ष करना पड़ा, खाद के बदले लाठियां मिली। सपा अध्यक्ष ने कहाकि गेहूं की फसल के लिए किसानों को यूरिया की जरूरत है, लेकिन उन्हें यूरिया की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इसी तरह गन्ना किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सरकार ने इस पेराई सत्र के लिए गन्ना मूल्य घोषित नहीं किया। बढ़ती महंगाई के कारण गन्ने की खेती का लागत मूल्य बढ़ गया है, लेकिन भाजपा सरकार गन्ना मूल्य घोषित न करके किसानों को धोखा दे रही है। उन्होंने कहा कि सरकार बताये कि आखिर चीनी मिलें किसानों को किस कीमत पर गन्ना मूल्य का भुगतान कर रही है। किसान एमएसपी की अनिवार्यता के लिए आंदोलनरत है, भाजपा सरकार 700 किसानों की बलि लेने के बाद भी नहीं चेत रही है। आखिर किसान अपनी उपेक्षा कब तक बर्दाश्त करेगा।
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