देश में कोरोना वायरस के दैनिक मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। वहीं दिनभर होने वाली मौतों से कई जगहों पर शवों का अंतिम संस्कार करने में दिक्कतें आ रही हैं। ठीक ऐसे ही मध्यप्रदेश की राजधानी में हुआ, जहां एक दिन में 41 कोरोना पॉजिटिव लोगों का अतिम संस्कार किया गया।
ऐसा पहली बार हुआ है कि भोपाल में इतनी संख्या में कोरोना मरीजों के शवों का एक साथ अंतिम संस्कार हुआ हो। गुरुवार को भदभदा विश्राम घाट पर 41 शवों का अंतिम संस्कार हुआ। इसमें कोरोना संक्रमित 31 शवों का कोरोना के प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किया गया।
भोपाल में हालात इतने भयानक हो गए हैं कि पहली बार भदभदा विश्रामघाट पर कोरोना संक्रमितों के लिए तैयार की गई जगह छोटी पड़ गई और नए मरीजों की वजह से नई जगह बनानी पड़ी। बताते चले कि भदभदा विश्रामघाट में कोरोना संक्रमित शवों के अंतिम संस्कार के लिए कुल 12 पिलर तैयार किए गए थे।
जब पहले से मौजूदा जगह पर अंतिम संस्कार की जगह कम पड़ गई तो विद्युत शवदाह के ग्राउंड में नई जगह तैयार करनी पड़ी। इसके अलावा 36 शवों के बाद भी विश्रामघाट में आठ परिवार शव लाने के लिए फोन कर रहे थे लेकिन रात ज्यादा हो जाने की वजह से उन्हें मना करना पड़ा।
इसके अलावा भोपाल के सुभाष नगर विश्रामघाट में पांच का दाह संस्कार हुआ और झदा कब्रिस्तान में भी पांच संक्रमित शवों को दफनाया गया। इसके अलावा इंदौर में छह अप्रैल को 25 कोरोना मरीजों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया था।
इसके अलावा भोपाल में कोरोना से आठ महीने की बच्ची अदीबा की मृत्यु हो गई। भोपाल में पहली बार इतनी छोटी उम्र की किसी बच्ची की कोरोना से मौत हुई है। अदीबा का एम्स में इलाज चल रहा था लेकिन उसके बाद भी कोरोना से जंग नहीं जीत सकी। हैरानी की बात यह है कि बच्ची के परिवार में किसी को कोरोना नहीं हुआ था।
देश में कोरोना वायरस के आंकड़े बहुत तेजी से फैल रहे हैं और प्रतिदिन सामने आने वाले आंकड़े भयावह हैं। देश में लगातार तीसरे दिन कोरोना वायरस के एक लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में बीते 24 घंटे में 1.31 लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं।