लाहौल घाटी में ढाई दशक बाद सबसे लंबे दौर की ठंड पड़ रही है। नवंबर 2019 के से घाटी में न्यूनतम के साथ अधिकतम पारा भी शून्य से नीचे चल रहा है। इससे पहले घाटी में इस तरह की ठंड एक सप्ताह से 15 दिन तक रहती थी, लेकिन इस बार ठंड की लंबी अवधि ने ढाई दशकों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
नवंबर 2019 से लाहौल घाटी में अधिकतम पारा माइनस छह डिग्री तथा न्यूनतम पारा माइनस 30 डिग्री रिकॉर्ड हुआ है। इस साल काजा और कोकसर में सबसे अधिक ठंड दर्ज हुई है।
केलांग के पूर्व पंचायत प्रधान नवांग उपासक (55) का कहना है कि उन्होंने आज तक ठंड की इतनी लंबी अवधि नहीं देखी है। इससे पहले 15 दिन तक अत्यधिक ठंड होती थी, लेकिन इस बार करीब ढाई महीने से अधिकतम पारा माइनस 6 डिग्री से नीचे नहीं उतरा है।
न्यूनतम तापमान अभी भी माइनस 12 से 13 डिग्री है। दोरजे, रमेश, सुनील और किशन ने बताया कि ठंड के कारण शाम पांच बजे के बाद केलांग में सन्नाटा पसर जाता है।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा कि जनजातीय इलाकों में मध्य मार्च तक ठंड का कहर जारी रहेगा। इस बार जल्द बर्फबारी से ठंड ने एक माह पहले दस्तक दी है। जो ठंड जनवरी में पड़ती थी, वह इस बार नवंबर अंत में ही शुरू हो गई है। कई साल बाद हिमाचल के 9 जिलों में एक साथ बर्फबारी हुई है।