एनसीपी नेता नवाब मलिक ने अनिल देशमुख के इस्तीफे के बारे में कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद अनिल देशमुख इस पद पर नहीं रहना चाहते थे. इसलिए उन्होंने पद छोड़ने की बात कही है, वह मुख्यमंत्री से मिलकर अपना इस्तीफा देंगे.
परमबीर सिंह की चिट्ठी के बाद काफी विवाद हुआ था. हालांकि, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने शुरुआत में ही अनिल देशमुख के इस्तीफे से इनकार कर दिया था.
शरद पवार ने कहा था कि परमबीर सिंह के आरोप राजनीति से प्रेरित लगते हैं, ऐसे में इस्तीफे का सवाल नहीं होता है. हालांकि, तब अनिल देशमुख के अस्पताल होने या बाहर होने पर भी विवाद हुआ.
एंटिलिया मामले के बाद से ही महाराष्ट्र में लगातार संकट देखने को मिल रहा है. इस मामले के कुछ दिन बाद मुंबई के कमिश्नर पद से परमबीर सिंह का ट्रांसफर कर दिया गया था.
तब परमबीर सिंह ने एक चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि अनिल देशमुख अपने आवास पर सचिन वाज़े से मुलाकात करते थे. साथ ही उन्होंने हर महीने मुंबई से 100 करोड़ रुपये की वसूली करने की बात कही थी.
आपको बता दें कि परमबीर सिंह ने इस मामले में हाईकोर्ट का रुख किया था. बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार सुबह ही निर्देश दिया था कि इन आरोपों की जांच सीबीआई करे. सीबीआई को अगले पंद्रह दिनों में एक शुरुआती रिपोर्ट देनी होगी, इसी के बाद ये तय होगा कि अनिल देशमुख पर FIR दर्ज होगी या नहीं.
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