कोविड-19 के इलाज में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के प्रभाव को लेकर कई बार जानकार अपनी राय जाहिर कर चुके हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसको कोविड-19 के इलाज में कारगर बताते हुए भारत से इसकी करोड़ों खुराक भी मंगवाई थीं। लेकिन अब ब्रिटिश जर्नल ऑफ क्लीनिकल फार्माकोलॉजी में छपी एक रिपोर्ट में इसके इस्तेमाल को लेकर कुछ नई बातें सामने आई हैं। इसमें कहा गया है कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन ओर क्लोरोक्वीन दवा दिल संबंधी समस्याओं को बढ़ा सकती है। इतना ही नहीं ये दिल और शरीर की मांसपेशियों को जबरदस्त नुकसान पहुंचा सकती है। रिपोर्ट में यहां तक कहा गया है कि इस दवा के लेने से हार्ट फेल तक हो सकता है और इंसान की जान तक जा सकती है।

जर्नल में छपी रिपोर्ट के वरिष्ठ लेखक और इजरायल की तेल अवीव यूनिवर्सिटी के डॉक्टर इलाड माओर के मुताबिक इसके जरिए पता चला है कि इन दवाओं की एक नियत मात्रा में ली गई खुराक से भी परिणाम खतरनाक हो सकते हैं। उन्होंने यहां तक भी कहा है कि दुनिया भर में फैले कोविड-19 के दौरान इन दवाओं को प्रेसक्राइब करते समय डॉक्टरों को विशेष सावधानी जरूर बरतनी चाहिए। जरूरी होगी। खासतौर पर उन मरीजों को लेकर जो पहले से ही दिल संबंधित समस्याओं से जूझ रहे हों।
आपको बात दें कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का इस्तेमाल मलेरिया की दवा के तौर पर किया जाता है। भारत इसका सबसे बड़ा उत्पादक है। पूरी दुनिया में इसकी वजह से हर साल लाखों लोगों की जान तक चली जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2018 में पूरी दुनिया में इसकी वजह से चार लाख से अधिक मौतें हुई थीं। मलेरिया के सबसे अधिक मामले और इससे हुई मौतों के मामले में नाइजीरिया सबसे ऊपर है। वहीं भारत भी इससे अछूता नहीं है। भारत में हर वर्ष दो लाख से अधिक लोग इसकी भेंट चढ़ जाते हैं।
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