आज पूरी दुनिया के लिए चर्चा का विषय है. बढ़ती हुई कार्बनडाई ऑक्साइड और धरती के बढ़ते हुए तापमान ने पूरी दुनिया को चिंता में डाला हुआ है. ग्लोबल वॉर्मिंग से दुनिया को सुरक्षित रखने के लिए हर तरफ पेड़ लगाने की बात होती है, लेकिन दुनिया में ऐसे गिन चुने ही लोग हैं जो इस बात की गंभीरता समझते हैं उन्हीं में एक मिर्जापुर के जे.पी. पुरम कॉलोनी के रहने वाले अनिल सिंह भी हैं जिन्हें लोग प्यार से ‘ग्रीन गुरुजी’ के नाम से भी पुकारते हैं.
पेशे से अध्यापक ‘ग्रीन गुरुजी’ (अनिल सिंह) बिना किसी सरकारी मदद के बड़े पैमाने पर पेड़ लगाकर हरियाली फैलाने का काम कर रहे हैं. उनकी सुबह की शुरुआत ही पौधारोपण से होती है. अगर वह चौबीस घंटे में एक पौधा नहीं रोपते हैं तो उन्हें चैन नहीं आता. अनिल सिंह ने एक जुलाई 2015 से हर दिन पेड़ लगाने की शुरुआत की थी. पांच जून 2018 (पर्यावरण दिवस) को उनके पेड़ लगाने का 1171 वां दिन है.
पेशे से अध्यापक ‘ग्रीन गुरुजी’ (अनिल सिंह) बिना किसी सरकारी मदद के बड़े पैमाने पर पेड़ लगाकर हरियाली फैलाने का काम कर रहे हैं. उनकी सुबह की शुरुआत ही पौधारोपण से होती है. अगर वह चौबीस घंटे में एक पौधा नहीं रोपते हैं तो उन्हें चैन नहीं आता. अनिल सिंह ने एक जुलाई 2015 से हर दिन पेड़ लगाने की शुरुआत की थी. पांच जून 2018 (पर्यावरण दिवस) को उनके पेड़ लगाने का 1171 वां दिन है.
बच्चो को पढ़ाने और परिवार के साथ समय बिताने के बाद अनिल सिंह के पास जो भी वक्त बचता है उसे वह प्रकृति की सेवा में लगा देते हैं. उनके घर के बगीचे में पचास से अधिक प्रजाति के पेड़-पौधे देखने को मिल जाएंगे. वह लोगों को पौधारोपण के लिए जागरूक करने के साथ-साथ अपने पास से पौधे भी देते हैं.
अनिल सिंह पर्यावरण संरक्षण के लिए न केवल अपना कीमती वक्त खर्च करते हैं बल्कि अपनी कमाई का हिस्सा भी इसके लिए लगाते हैं. पर्यावरण के लिए उनके इसी जुनून के चलते लोगों ने अब उन्हें ग्रीन गुरुजी कहना शुरू कर दिया है. ग्रीन गुरुजी को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल समेत कई स्वयंसेवी संस्थाएं समानित कर चुकी हैं.