स्मार्टफोन निर्माता कंपनियां ग्राहक को सस्ते में मोबाइल फोन बेचने के लिए एक नई पॉलिसी अपना रही हैं, जिसके तहत स्मार्टफोन कंपनियां अपने स्तर पर ग्राहक को सस्ते में स्मार्टफोन बेचेंगी। लेकिन जब ग्राहक तक यह फोन पूरी एसेसरीज के साथ पहुंचेगा, तो फोन पहले से मुकाबले महंगा हो जाएगा। दरअसल फोन निर्माता कंपनियों ने फोन के साथ चार्जर और हेडफोन न देने का निर्णय लिया है। मतलब ग्राहक को फोन के चार्जर और हेडफोन के लिए अलग से कीमत अदा करनी होगी।
IANS की खबर के मुताबिक साउथ कोरियाई कंपनी Samsung अगले साल से फोन के साथ चार्जर को नहीं देगी। सैमसंग ने कहा कि कई लोगों के पास पहले से चार्जर मौजूद हैं। ऐसाे में बिना चार्जर के सस्ते में फोन की बिक्री की जा सकेगी। साथ ही चार्जर न होने की वजह फोन बॉक्स छोटा हो जाएगा। इससे मोबाइल फोन के शिपमेंट में आसानी होगी साथ ही शिपमेंट की लागत में कमी आएगी। Apple स्मार्टफोन को लेकर भी कुछ इसी तरह की खबरें थी, जिसमें दावा किया गया था कि Apple कंपनी अगले साल से फोन बॉक्स के साथ EarPods और एडॉप्टर की बिक्री नहीं करेगी। मतलब Apple iPhone 12 के बॉक्स में मोबाइल के साथ केवल चार्जिंग केबल आएगी। जानकारों के मुताबिक इससे iPhone की कीमत 50 डॉलर (करीब 3,500 रुपए) कम हो जाएगी।
जीएसटी और इनपुट कॉस्ट बढ़ने से कंपनियों की बढ़ी मुसीबत
दरअसल केंद्र सरकार की तरफ से मोबाइल फोन पर जीएसटी दर को बढ़ाए जाने के साथ ही इनपुट कॉस्ट बढ़ने की वजह से मोबाइल फोन कंपनियों के लिए फोन की कीमत बढ़ाने की चुनौती है। लेकिन कोविड-19 के दौर में फोन की डिमांड में कमी देखी जा रही है। ऐसे में स्मार्टफोन निर्माता कंपनियां चार्जर और हेडफोन की अलग से बिक्री करके फोन की कीमत को अफोर्डेबल प्राइस प्वाइंट में रखने की कोशिश कर रही हैं।