विदेश मंत्री सुषमा स्वराज किर्गिस्तान के लिए रवाना हो गई हैं। सुषमा स्वराज 21-22 मई को बिश्केक में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगी। माना जा रहा है कि दो दिवसीय इस बैठक में आतंकवाद समेत कई अहम मुद्दों को लेकर चर्चा हो सकती है।
बता दें कि यह दूसरा मौका है जब भारत विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक में एससीओ के पूर्ण सदस्य के तौर पर शामिल हो रहा है।
कब और क्यों हुई SCO की स्थापना?
शंघाई सहयोग संगठन की स्थापना 2001 में हुई। इसके उद्देश्यों में सीमा विवादों का हल, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, क्षेत्रीय सुरक्षा को बढ़ाना और सेंट्रल एशिया में अमेरिका के बढ़ते प्रभाव को काउंटर करना शामिल है। इसके सदस्यों में चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान हैं।
2017 में SCO का पूर्ण सदस्य बना भारत
गौरतलब है कि साल 9 जुलाई 2017 को भारत शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का पूर्ण सदस्य बना है। एससीओ के पूर्ण सदस्यों में भारत, चीन, रूस, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, कजाकिस्तान, पाकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। वहीं, अफगानिस्तान, मंगोलिया, इरान और बेलारूस पर्यवेक्षक हैं।
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