पूर्व सांसद और बाहुबली अतीक अहमद को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. कोर्ट ने अतीक अहमद को देवरिया जेल से गुजरात की उच्च सुरक्षा वाली जेल में ट्रांसफर करने के फैसले पर पुनर्विचार करने से इनकार कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फैसले के लिए अतीक का पक्ष सुनने की कोई जरूरत नहीं है. अतीक के वकील संजय हेगड़े ने कहा कि ट्रांसफर ऑर्डर से पहले अतीक को नहीं सुना गया.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2019 में पूर्व सांसद के जेल ट्रांसफर के आदेश दिए थे. ये फैसला उस समय आया, जब अतीक अहमद ने एक व्यापारी का अपहरण कर उसे मजबूर किया कि वो अपनी कंपनी अतीक के नाम करें.
अतीक अहमद ने लखनऊ के रियल एस्टेट व्यापारी मोहित जायसवाल का 26 दिसंबर को गुर्गो के जरिए अपहरण करवाके देवरिया जेल बुलाया था.
अतीक अहमद और उसके गुर्गों ने मोहित जायसवाल की यहां बर्बरतापूर्वक पिटाई के बाद करोड़ों रुपये की प्रापर्टी जबरन अपने व करीबियों के नाम करा ली थी.
किसी तरह उनके चंगुल से छूटकर मोहित ने लखनऊ पहुंच कर मामला दर्ज कराया तब देवरिया पुलिस हरकत में आई. मोहित की अपील पर कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए सीबीआई को जांच का निर्देश दिया था.
अतीक अहमद को पिछले साल 3 जून को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कड़ी सुरक्षा के तहत गुजरात के अहमदाबाद के एक जेल में ट्रांसफिर किया गया था. अतीक अहमद 2004 में समाजवादी पार्टी से सांसद था और उस पर 2005 में बहुजन समाज पार्टी के विधायक राजू पाल की हत्या का आरोप लगा था.
अतीक अहमद और उनके लोगों ने दिसंबर 2016 में सैम हिगिनबॉटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर, टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज (एसएचयूएटीएस) की एक परीक्षा में धोखाधड़ी करने वाले दो छात्रों के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर स्टाफ सदस्यों पर कथित रूप से हमला किया था. इसका वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद अतीक को गिरफ्तार किया गया था.