सीएम नीतीश कुमार के साथ उनके निजी रिश्ते हैं और इन्हीं संबंधों की वजह से ही मुख्यमंत्री ने उन्हें बंगला दिलाया है। इससे पहले तेज प्रताप यादव ने सीएम नीतीश कुमार पर उन्हें परेशान करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि नीतीश कुमार उनकी पार्टी के विधायकों से तो खूब बात करते हैं, लेकिन उनका फोन तक नहीं उठा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि जानबूझकर बिहार सरकार उन्हें बंगला आवंटित करने में देरी कर रही है, जनता सब देख रही है। अगर उन्हें बंगला नहीं दिया गया तो वह मामले को जनता के बीच लेकर जाएंगे। हालांकि, कुछ दिनों बाद तेज प्रताप को बंगला आवंटित कर दिया गया और अब वह खरमास के बाद सरकारी बंगले में शिफ्ट करेंगे। पत्नी ऐश्वर्या राय को तलाक देने के बाद से तेज प्रताप यादव मां राबड़ी देवी के साथ नहीं रह रहे हैं और वह घर भी नहीं गए हैं।
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तेज प्रताप यादव ने अब स्वीकार किया है कि सीएम नीतीश कुमार ने उन्हें बंगला दिलवाने में मदद की है। उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ निजी रिश्तों के बारे में कहा कि यह संबंध ठीक वैसा ही है, जैसा सभी नेताओं का होता है। उन्हें विधायक और पूर्व मंत्री होने के नाते सरकारी घर चाहिए था, जो अब उन्हें मिल गया है। तेज प्रताप यादव को पटना के 2M स्ट्रैंड रोड पर बंगला अलॉट किया गया है।
तेज प्रताप यादव ने मामा साधु यादव के बारे में सवालों का भी जवाब दिया। दरअसल, ऐश्वर्या राय से तलाक के लिए अर्जी देने के कुछ दिनों बाद तक सक्रिय राजनीति से दूर रहे तेज प्रताप अब सियासी गतिविधियों में लगातार हिस्सा ले रहे हैं। पटना के राजनीतिक गलियारों में चर्चा गरम है कि उनके इस नए अवतार के पीछे मामला साधु यादव हैं। वह लगातार जनता दरबार लगा रहे हैं। एक बार तो जनता दरबार में शिकायत मिलने के बाद तेज प्रताप यादव सीधे फुलवारी थाने का घेराव करने पहुंच गए थे। उस वक्त तेज प्रताप के पहुंचने के बाद मामला साधु यादव भी धरनास्थल पर नजर आए। तभी से तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि, तेज प्रताप ने अब अपनी सफाई में कहा कि उनकी सक्रियता के पीछे कोई और नहीं बल्कि वह खुद ही हैं। उन्होंने कहा कि वह मामा-चाचा या मौसा-मौसी की नहीं सुनते हैं।
तेज प्रताप के जनता दरबार में आरजेडी के बड़े नेताओं की गैर मौजूदगी के बारे में उन्होंने कहा कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे बीमार हैं और दिल्ली में इलाज करा रहे हैं, जबकि अन्य नेता चुनावी व्यस्तता की वजह से नहीं आ पा रहे हैं। तेज प्रताप यादव ने पिछले दिनों छोटे भाई तेजस्वी के बारे में भी मीडिया से खुलकर बात की। तेज प्रताप की बातों से ऐसा स्पष्ट हो रहा है कि वह छोटे भाई सीएम पद का दावेदार तो मानते हैं, लेकिन उन्होंने कई बार यह भी कहा कि कृष्ण के बिना अर्जुन युद्ध नहीं जीत सकता। तेज प्रताप खुद को कृष्ण की भूमिका में देखना चाहते हैं, मतलब पार्टी की कमान वह अपने हाथों में लेना चाहते हैं। इससे स्पष्ट हो रहा है कि तेज प्रताप का परिवार से झगड़ा चल रहा है, उसके पीछे सिर्फ पत्नी ऐश्वर्या से तलाक लेना एक कारण नहीं है बल्कि परिवार में सियासी विरासत का भी मुद्दा गरम है और तेज प्रताप यादव अब खुलकर सामने आ रहे हैं।