सावन का पावन माह शुरू होगया है और हर जगह अब आपको शिव भक्त ही दिखाई देंगे. सावन में भगवान को रिझाने के कई तरीके होते हैं और उसमें से खास है महामृत्युंजय मंत्र जिसे हर कोई जपता है. सावन मास में महामृत्युंजय मंत्र जपने से अकाल मृत्यु टलती है. आरोग्य की प्राप्ति होती है. इस माह में यह मंत्र 10 गुना अधिक फल देता है. अगर आप सावन में इसका जाप करते हैं आपको कई तरह के लाभ होते हैं. आज हम आपको बताने जा रहे है इसके कुछ खास लाभ और फायदे.
महामृत्युंजय मंत्र :
ॐ ह्रौं जूं सः. ॐ भूः भुवः स्वः. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्. उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्. स्वः भुवः भूः ॐ. सः जूं ह्रौं ॐ॥
स्नान करते समय शरीर पर लोटे से पानी डालते वक्त इस मंत्र का जप करने से स्वास्थ्य-लाभ होता है. दूध में निहारते हुए इस मंत्र का जप किया जाए और फिर वह दूध पी लिया जाए तो यौवन की सुरक्षा में भी सहायता मिलती है. इस मंत्र का जप करने से बहुत सी बाधाएं दूर होती हैं.
निम्नलिखित स्थितियों में इस मंत्र का जाप कराया जाता है :
(1) ज्योतिष के अनुसार यदि जन्म, मास, गोचर और दशा, अंतर्दशा, स्थूलदशा आदि में ग्रहपीड़ा होने का योग है.
(2) किसी महारोग से पीड़ित होने पर.
(3) मुकदमा आदि में फंसने पर
(4) हैजा-प्लेग आदि महामारी से लोग मर रहे हों.
(5) राज्य या संपदा के जाने का अंदेशा हो.
(6) धन-हानि हो रही हो.
(7) मेलापक में नाड़ीदोष, षडाष्टक आदि आता हो.
(8) राजभय हो.
(9) मन धार्मिक कार्यों से विमुख हो गया हो.
(10) राष्ट्र का विभाजन हो गया हो.
(11) परस्पर घोर क्लेश हो रहा हो.
(12) त्रिदोषवश रोग हो रहे हों.
13) प्राकृतिक आपदा आने पर.