न्यूयॉर्क में मेडिकल रेप का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. एक महिला ने 40 साल के बाद अपने डॉक्टर पर ये आरोप लगाया है. महिला का कहना है कि उसे प्रेग्नेंसी में दिक्कत हो रही थी जिसके बाद वो एक स्पर्म डोनर की तलाश में डॉक्टर मार्टिन ग्रीनबर्ग से मिली थी.
बियांका वॉस नाम की इस महिला ने डॉक्टर ग्रीनबर्ग के खिलाफ अदालत में शिकायत दर्ज कराई है. अदालत को दिए दस्तावेज में वॉस ने लिखा है कि 1983 फर्टिलिटी सर्विस को लेकर उसने डॉक्टर से ग्रीनबर्ग से मुलाकात की थी. वॉस के अनुसार, डॉक्टर ने बिना उसकी सहमति के अपने ही स्पर्म से गर्भधारण करा दिया, जिसका पता उसे अब चला है.
शिकायत में लिखा है, ‘कुछ लोग इस भयानक कृत्य को ‘मेडिकल रेप’ कहते हैं. ग्रीनबर्ग का जघन्य और जानबूझकर किया गया ये काम अनैतिक, अस्वीकार्य और अवैध है.’ वॉस को इस बात की सच्चाई 40 साल बाद पता चली है. वॉस ने बताया कि उसे ग्रीनबर्ग की इस हरकत का पता तब चला जब उसकी बेटी रोबर्टा को उसकी DNA प्रोफाइल मिली. इसमें रोबर्टा के पिता के नाम के रूप में डॉक्टर ग्रीनबर्ग का नाम दर्ज था.
अदालत को दिए दस्तावेज में वॉस ने बताया कि उसने डॉक्टर ग्रीनबर्ग से एक अनजान स्पर्म डोनर उपलब्ध कराने को कहा था. ग्रीनबर्ग ने इसके लिए वॉस से 100 डॉलर (7,325 रुपए) की फीस ली और पूछा कि क्या स्पर्म डोनर की जाति या धर्म को लेकर उसकी कोई प्राथमिकता है?
वॉस ने अमेरिका के एनबीसी न्यूज को बताया, ‘मैं कोई अनजान डोनर चाहती थी. ग्रीनबर्ग ने मुझसे पूछा कि अगर डोनर यहूदी हो तो क्या मुझे बुरा लगेगा? मैंने कहा था कि मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं है. मुझे लगा कि शायद स्पर्म डोनर उसके अस्पताल का मेडिकल स्टूडेंट होगा जबकि सच्चाई कुछ और ही थी. इसके बाद उसने मुझसे डोनर को देने के लिए 100 डॉलर का चेक भी लिया.’
दस्तावेज के अनुसार, इस प्रक्रिया में ग्रीनबर्ग ने अपने ही स्पर्म का इस्तेमाल किया जिसके बाद 1984 में वॉस ने एक बेटी को जन्म दिया. वॉस ने बताया, ‘उसने मुझे ये नहीं बताया कि वो अपने ही स्पर्म का इस्तेमाल करेगा. उसने कहा था कि डोनर कोई गुमनाम व्यक्ति होगा. उसने ये भी भरोसा दिलाया था कि डॉक्टर्स खुद स्पर्म डोनेट नहीं कर सकते.’ फिलहाल ग्रीनबर्ग की तरफ से इस पर कोई टिप्पणी नहीं आई है.
दरअसल, रोबर्टा अपने परिवार के इतिहास के बारे में जानने की कोशिश कर रही थी. तभी उसे अपने जैविक पिता (बायोलॉजिकल फादर) के बारे में ये जानकारियां मिलीं. शिकायत में कहा गया है कि मेडिकल हिस्ट्री जानने के लिए रोबर्टा ने कई बार ग्रीनबर्ग से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.
अदालत को दी गई याचिका में कहा गया है कि ग्रीनबर्ग की वजह से वॉस को ‘गंभीर चिंता हो गई है. भावनात्मक दर्द और उनके भरोसे को चकनाचूर करने की इस घटना से उनकी जिंदगी अस्त-व्यस्त हो गई है.’ अपनी शिकायत मे वॉस ने डॉक्टर ग्रीनबर्ग से 75,000 डॉलर (54,97,800 रुपए) से ज्यादा का हर्जाना मांगा है.
रोबर्टा ने एनबीसी न्यूज को बताया, ‘जब भी मैं आईना देखती हूं तो मुझे उस आदमी की शक्ल दिखाई देती है जिसने मेरी मां का भरोसा तोड़ा और उन्हें दुख पहुंचाया. मैं अपने अंदर एक बेचैनी महसूस कर रही हूं कि आखिर मैं कौन हूं, इन सबका क्या मतलब है और किस तरह का आदमी आखिर ऐसी हरकत करता है? क्या मैं भी इसका हिस्सा हूं? ये सब बातें मुझे परेशान करती हैं.’
पहले भी इस तरह के कई मामले आ चुके हैं जहां डॉक्टर ने चोरी-छिपे मरीज के इलाज में अपने ही स्पर्म का इस्तेमाल किया है. Ancestry.com के अनुसार, 1980 में एक डीनए टेस्ट में पता चला था कि डॉक्टर ने मरीज को अपना ही स्पर्म दिया था. 2019 में कनाडा के डॉक्टर ने करीब 50-100 मरीजों को अपना स्पर्म दे दिया था. इसका पता चलने के बाद डॉक्टर का लाइसेंस छीन लिया गया था.