सहारनपुर के शब्बीरपुर की घटना को लेकर हुई हिंसा को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चुने हुए अधिकारियों की टीम वहां पहुंच चुकी है. राज्य के प्रमुख गृह सचिव मणिप्रसाद मिश्रा और एडीजी (कानून-व्यवस्था) आदित्य मिश्रा ने जातीय तनाव को कम करने के लिए घर-घर जाकर लोगों की बात सुन रहे हैं.
शब्बीरपुर में लोगों से इस मुलाकात के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस भी उनके साथ मौजूद थी. इस गांव में हालिया हुई दो हत्याओं के बाद स्थानीय लोगों के चेहरे पर यह चिंता जरूर देखी गई कि ये अधिकारी उनसे आखिर क्या सवाल पूछेंगे. यहां चाहे ठाकुर हों या दलित, दोनों ही समुदायों में गुस्सा भी है और साथ ही यह फिक्र भी कि कहीं पुलिस उन्हें पकड़ने तो यहां नहीं आई.
ऐसे माहौल में मिश्रा और उनकी टीम समाज में तनाव दूर करने और उनके सकारात्कता लाने के लिए एक नई रणनीति पर चल रही है. यहां लोगों से उनके गुस्से या चिंता की वजह पूछने की जगह उनकी विश्वास बहाली के लिए बेहद आत्मीय ढंग से मिल रहे हैं. ऐसे ही यहां बैठी एक बुजुर्ग महिला से उन्होंने पूछा- क्यों अम्मा, क्या खाना बनाया है आज आपने? इस सवाल से वह महिला भी चौक जाती हैं और मुस्कुराते हुए जवाब देती हैं, ‘लौकी की सब्जी.’
योगी की टीम का लोगों से इस तरह मिलना शायद काम भी कर रहा है. यही वजह रही कि वहां बात करने से हिचक रहीं महिलाएं भी खुलकर अपना दर्द ब्यां करने आगे आईं. कुछ महिलाओं का कहना था कि गांव में बाहरी लोग ही आकर समस्या खड़ी कर रहे हैं, जबकि कुछ ने पुलिस की नाकामी की शिकायत की.
मिश्रा और उनकी टीम इसके बाद एक दलित परिवार के घर की तरफ गई, जहां लोगों में दंगों के दौरान पुलिस-प्रशासन की कोताही को लेकर खासा गुस्सा था. हालांकि यहां भी मिश्रा की बातों ने लोगों का मूड बदल दिया. उन्होंने एक बुजुर्ग महिला से मजाकिया लहजे में कहा, ‘अम्मा अगर आप यूपी पुलिस की डीजी हो जाए… तो सब ठीक हो जाएगा.’ यह सुनकर वहां खड़ी सारी महिलाएं हसने लगीं. यहां तक की मिश्रा और उनकी टीम भी अपनी हंसी रोक नहीं पाए.
सहारनपुर गई सीएम योगी की इस टीम का मकसद पिछले एक महीने से तनावग्रस्त इस इलाके में लोगों के मन को खोलना और न्याय की एक उम्मीद जगाना था, जिसमें वह सफल होते दिखे. यहां वह दोनों समुदायों को यह जताने आए थे कि जो कुछ भी हुआ बुरा था और अब यह आगे नहीं होगा. इसी के मद्देनजर उन्होंने ठाकुरों और दलितों के बीच तनाव खत्म करने के लिए दोनों समुदायों की एक बैठक भी बुलाई. मणि प्रसाद मिश्रा ने यहां कहा कि सहारनपुर में हुआ बवाल, यहां के आपसी तानेबाने का नहीं बल्कि किसी सुनियोजित साजिश का परिणाम है, जो बहुत जल्दी ही सामने आ जाएगा.
गौरतलब है कि पिछले एक महीने से अधिक समय में 20 अप्रैल, 5 मई, 9 मई और 23 मई को यहां जो घटनाएं घटी, उसने इस जिले के शांतिप्रिय माहौल को प्रभावित किया है. इस दौरान ऐसा महसूस किया गया कि कहीं न कहीं पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली में कमी रही और उसी का नतीजा रहा कि योगी सरकार ने यहां प्रशासनिक स्तर पर नई टीम भेजी, जो पूरे मामले की समीक्षा करते हुए इस माहौल को शांत और सामान्य करने मे जुटी है.