सहकारिता घोटाला : नोडल अधिकारी नरेश गोयल को हटाया

सहकारिता विभाग में घोटाला सामने आने के बाद हरियाणा सरकार हरकत में आ गई है। एक के बाद एक अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लिया जा रहा है। सोमवार को सरकार ने विभाग के अतिरिक्त निदेशक और आईसीडीपी योजना के राज्य नोडल अधिकारी नरेश गोयल को नोडल अधिकारी के पद से हटा दिया। उनके स्थान पर हाउसफेड के एमडी, संयुक्त रजिस्ट्रार योगेश शर्मा को यह जिम्मेदारी दी गई है। साथ ही विभाग ने नरेश गोयल और गुरुग्राम के अतिरिक्त रजिस्ट्रार (एआर) राजेश सहरावत को निलंबित करने की सिफारिश की है।

वहीं, घोटाले में गिरफ्तार हो चुके तीन और अधिकारियों को विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) आईएएस राजा शेखर वुंडरू ने तीन और अधिकारियों को निलंबित कर दिया। इनमें डीआर रोहित गुप्ता, ऑडिट ऑफिसर बलविंदर और कोऑपरेटिव बैंक सोनीपत के जीएम संजय कुमार के नाम शामिल हैं। इससे पहले मामले में गिरफ्तार हो चुके छह अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों को सरकार पहले ही निलंबित कर चुकी है।

सोमवार को सहकारिता विभाग के एसीएस ने विभागीय अधिकारियों की बैठक बुलाई। उन्होंने पूरे मामले को लेकर विस्तार से जानकारी ली और अधिकारियों को घोटाले से संबंधित पूरा रिकॉर्ड तैयार करने का निर्देश दिया। साथ ही जिम्मेदार अधिकारियों की रिपोर्ट तैयार करके मुख्यालय को भेजने को कहा।

2017 से नोडल अधिकारी थे गोयल, दो बार हटाने की सिफारिश पर भी नहीं हुई कार्रवाई

विभाग में इतना बड़ा घोटाला होने और सरकार की फजीहत कराने के बाद आखिरकार आईसीडीपी योजना के नोडल अधिकारी नरेश गोयल को सात साल के बाद इस जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया। गोयल को 2017 में यह जिम्मेदारी दी गई है। हालांकि, इससे पहले रजिस्ट्रार कार्यालय की ओर से घोटाला सामने आने के बाद 31 जून, 2023 और 3 अगस्त को पद से हटाने की सिफारिश की थी। हालांकि, दोनों बार उच्चस्तरीय अधिकारियों ने इस पर सवाल उठाते हुए फाइल को वापस कर दिया।

घोटाले का पैसा भेजा विदेश, खुद भी भागने की थी तैयारी

घोटाले की आरोपी एआर अनु कौशिश और कंपनी के ठेकेदार स्टालियन जीत कनाडा और दुबई भागने की फिराक में थे, हालांकि, इससे पहले ही दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। एआर अनु कौशिश की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं और बताया जा रहा है कि वह लग्जरी जीवन जीने की शौकीन है। एसीबी की जांच में खुलासा हुआ है कि स्टालियन जीत सिंह की बैंटम इंडिया लिमिटेड कंपनी की शाखा कनाडा में भी है। इसी कंपनी के जरिए घोटाले की मुख्य आरोपी अनु कौशिश ने रिश्वत का पैसा कनाडा भेजा।

अनु की बहन कनाडा में रहती है और उसी ने अनु के दुबई में रहने का बंदोबस्त किया था। आरोप है कि अनु कौशिश ने किसानों के लिए आई रकम फर्जी खरीद की आड़ में अपने करीबियों की कंपनी में ट्रांसफर कर दी। इसके बाद कंपनियों से उनके परिवार को उनका हिस्सा रिश्वत के तौर पर दिया गया। आरोपी स्टालिन भी अपने पूरे परिवार को पहले ही कनाडा भेज चुका है।

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