यदि आप मांसाहारी है और ये समझते हैं कि मांस खाने से आपको कोलेस्ट्रॉल की समस्या नहीं होगी तो आप गलत सोच रहे हैं। अब एक नए अध्ययन से पता चला है कि सफेद मांस और लाल मांस दोनों के लिए कोलेस्ट्रॉल का स्तर समान है।
अभी तक मांस खाने के शौकीन मानते थे कि यदि वो लाल मांस खाएंगे तो उनको कोलेस्ट्रॉल की अधिक समस्या होगी, कोलेस्ट्रॉल का असर कम करने के लिए वो सफेद मांस का सेवन कर रहे थे मगर अब शोधकर्ताओं ने इसे गलत साबित कर दिया है। चाहे आप सफेद मांस खा रहे हो या लाल, दोनों से ही शरीर में बराबर कोलेस्ट्रॉल शरीर में जाएगा और वो शरीर को नुकसान करेगा। सफेद मांस खाने वाले दशकों से मान रहे थे कि जो सफेद मांस का सेवन करते हैं उनमें कम कोलेस्ट्रॉल होता है। सफेद मांस हृदय रोग को रोकने के लिए बेहतर था। चाहे सफेद मांस हो या लाल इन दोनों में ही बराबर कोलेस्ट्रॉल पाया जाता है जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होता है।
शोधकर्ताओं ने 21 से 65 वर्ष की आयु के 100 से अधिक स्वस्थ पुरुष और महिलाओं पर इस तरह से अध्ययन किया। इस अध्ययन के बाद कलेक्ट किए गए आंकड़ों की समीक्षा की गई, इस समीक्षा के बाद ये सामने आया कि प्रत्येक प्रतिभागी को या तो हाई सेचुरेटेड या लो सेचुरेटेड वसा थी, जिन लोगों में हाई सेचुरेटेड वसा पाई गई वो लोग मुख्य रूप से मक्खन और पूर्ण-वसा वाले खाद्य पदार्थ खा रहे थे, इस वजह से उनके शरीर में ये चीजें पहुंची थी। लाल मांस का मुख्य स्रोत गोमांस था, जबकि सफेद मांस का मुख्य स्त्रोत प्रोटीन चिकन था। रिसर्च के दौरान प्रत्येक आहार “वॉशआउट अवधि” के साथ चार सप्ताह तक चलता है, जहां प्रतिभागी एक अवधि के लिए अपने सामान्य खाद्य पदार्थ खाते हैं। अध्ययन की अवधि के लिए सभी प्रतिभागियों को शराब से दूर कर दिया गया था। शोधकर्ताओं ने प्रत्येक परीक्षण आहार की शुरुआत और अंत में सभी प्रतिभागियों से रक्त के नमूने एकत्र किए।
अध्ययन के बाद निष्कर्ष निकाला गया है कि जो लोग मांस खाते हैं, भले ही उनके प्रमुख प्रोटीन के रूप में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर होता है, जब सब्जियों की तरह उनके प्रोटीन कहीं और प्राप्त करने वाले लोगों के साथ तुलना की जाती है। कोलेस्ट्रॉल पर लाल मांस का प्रभाव सफेद मांस उत्पादों के समान था। जिन प्रतिभागियों को मुख्य रूप से पौधों से प्रोटीन मिला, उनमें स्वास्थ्यप्रद कोलेस्ट्रॉल का स्तर था। रक्त के नमूनों में कोलेस्ट्रॉल के कणों के आकार की भी जांच की गई। अध्ययन में लाल मांस और सफेद मांस के बीच प्रतिभागियों के रक्त में बड़े, मध्यम और छोटे एलडीएल कणों की सांद्रता में कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं दिखाया गया। उन्होंने उच्च संतृप्त वसा वाले आहार में बड़े एलडीएल कणों की उच्च मात्रा पाई गई। संतृप्त वसा, जो मुख्य रूप से पशु स्रोतों से प्राप्त होते हैं, लंबे समय तक हृदय रोग के जोखिम से जुड़े रहे हैं। संतृप्त वसा से कोलेस्ट्रॉल धमनियों में जमा हो सकता है, जिससे व्यक्ति को स्ट्रोक या दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की सिफारिश है कि लोगों को संतृप्त वसा से सिर्फ 5 से 6 प्रतिशत कैलोरी मिलती है।