सपनों की नगरी मुंबई , जिसे हम मायानगरी कहते हैं | मुंबई सिर्फ बॉलीवुड फिल्मों और बड़े स्टार्स के लिए नहीं जाना जाता है बल्कि इस नाम में बहुत सारे काले धंधे छुपे हैं |
एक वक़्त था जब मुंबई सिर्फ गैंगस्टर का अड्डा माना जाता था , यहाँ अंडरवर्ल्ड डॉन से लेकर देश के बड़े-बड़े सट्टेबाज़ लोगों का जमावड़ा लगा रहता था | वक़्त के साथ-साथ ये चीज़ें मुंबई से दूर होती गयी और फिर से हिंदी सिनेमा ने मुंबई को अपने आगोश में लेलिया ..मगर इनसब नामो के वाला एक ऐसा नाम भी है जिसका ज़िक्र मैंने नहीं किया है | दशकों से मुंबई अय्याशी और देह-व्यापार का बड़ा अड्डा माना जाता रहा है , और आज भी ये बदनुमा दाग ‘ मुंबई ‘ शब्द से दूर नहीं हुआ है | कहने को तो ये शहर बड़े-बड़े हस्तियों और रईसों का अड्डा माना जाता है , मगर कभी इस बात की गहराई में जा कर देखिये तो आपको पता चलेगा कि मुंबई आज भी गरीबी , गोरख धंधे और जिस्मफरोशी का टैग लिए बैठा है | आज हम आपको मुंबई कि कुछ वैसी जगहों के बारे में बताएंगे जो समाज और देश के लिए किसी काळा धब्बे से कम नहीं है | इस जगह पर लड़कियों का सौदा होता है .. आइये जानते हैं विस्तार से |
1. बदनुमा दाग लगा है इस शहर पर
मुंबई की चमचमाती तस्वीर और डेवलप जगहों को तो आपने देखा ही होगा , मगर यहाँ की अँधेरी गलियों और संकरी कस्बों का सच सुनकर आपको यकीन नहीं होगा | किसी महान पुरुष ने कहा था कि ” डेवलपमेंट ” अपने साथ कुछ ‘ तबाही ‘ भी लाती है | ये वाक्य आज इस शहर के ऊपर बिलकुल फिट बैठता है | चकाचौंध भरी इस दुनिया में जब कुछ हकीकत से रूबरू होंगे तो आपको झटका लगेगा |
2. देश का दूसरा सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया है कमाठीपुर
दिल्ली और कोलकाता के रेड लाइट की कहानियां तो आपने सुनी ही होगी , मगर आज हम आपको मायानगरी मुंबई के फेमस रेड लाइट एरिया ‘ कमाठीपुरा ‘ के बारे में सुनाने जा रहे हैं | ये जगह अंग्रेज़ों से ज़माने से ही उसी काम के लिए जानी जा रही है | भारत के दूसरे सबसे बड़े रेड लाइट एरिया कमाठीपुरा की यही कहानी बहुत प्रसिद्द है .. आंध्र प्रदेश के कामठी मजदूरों के नाम पर यह इलाका कमाठीपुरा कहलाता है |
3. इस जगह पर 5000 यौनकर्मी रहती हैं|
यहाँ की खासियत ही यही है कि यहाँ कम पैसों में आपको यौन सुख का आनंद मिल जाता है | इस एरिया में 200 कमरे हैं और इन 200 कमरों में तक़रीबन 5000 यौनकर्मी रहती हैं | आपको जान कर हैरानी होगी जब आप इनके रहने के तौर तरीके देखेंगे …ये लोग आज भी मॉडर्न ज़माने से इतने दूर हैं जिसका आप अंदाज़ा भी नहीं लगा सकते हैं |
#4. अंग्रेज़ों ने अपनी ऐश के लिए बनाया था|
इस जगह को अंग्रेज़ों ने अपने सिपाहियों के लिए बनवाया था .. यानी ये एरिया उनके लिए ऐशगाह था | यहाँ पर अंग्रेज़ों के सिपाही अय्याशी करने आते थे और बस यही की लड़कियों के साथ अपनी हवस पूरी करते थे | अंग्रेजी हुकूमत विदेशो से भी बड़ी तादात में योन कर्मियों को बुलाते थे
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#5. इस काम के लिए 1928 में लाइसेंस भी जारी किया गया|
जब ये जगह लोगों के नज़रों में चढ़ता गया तो इस जगह की ज़रूरत सभी अफसरों को होने लगी | फिर 1928 में इस काम और जगह को लाइसेंस देकर वैद्य कर दिया गया | मगर आज़ादी के बाद 1950 में इसे बंद कर दिया गया …यह पूरा इलाका 16 गलियों में बंटा हुआ है , जिनमे से 9 गलियों में यह कारोबार चलता है |