नई दिल्ली। मंदी की वजह से बंद हो रही सऊदी अरब की कंपनियों में कार्यरत भारतीयों को स्वदेश लाने का एक बड़ा अभियान भारत सरकार शुरू कर सकती है। हाल के महीनों में इस तरह के अभियान को सफलतापूर्वक चलाने में महारत हासिल करने वाले विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह मंगलवार को आगे का रास्ता बनाने के लिए सऊदी अरब की राजधानी रियाद पहुंचेगे। एक अनुमान के मुताबिक, सऊदी अरब की बंद या बंद होने के कगार पर पहुंच चुकी कंपनियों में काम करने वाले भारतीयों की मौजूदा संख्या दस हजार से ऊपर हो सकती है।
सऊदी अरब में फंसे भारतियों को मिली राहत की सांस
सोमवार को सऊदी अरब में फंसे भारतीयों का मुद्दा संसद में भी उठा। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्य सभा में बताया, “खाड़ी में स्थित भारतीय नागरिक और भारतीय दूतावास बेरोजगार लोगों को खाना खिलाने के लिए पांच कैंप चला रहे हैं।” उन्होंने कहा कि सरकार संसद के माध्यम से सभी को यह आश्वस्त करना चाहती है कि एक भी भारतीय भूखा नहीं रहेगा।
जनरल सिंह जल्द ही रियाद पहुंचेंगे और यह देखेंगे कि नौकरी खो चुके भारतीयों को किस तरह से स्वदेश लाया जाए।” विदेश मंत्रालय के अनुसार, सऊदी अरब में फंसे दस हजार से अधिक भारतीयों में से रियाद में तकरीबन 3,172 लोगों को राशन मुहैया कराया जा चुका है।
इससे उन्हें आठ-नौ दिनों तक खाना मिल सकेगा। सूत्रों के मुताबिक, मंदी की आड़ में जिन सऊदी कंपनियों ने बंदी की घोषणा की है, इसमें सऊदी ओजर नाम की कंपनी भी है। इस कंपनी ने 25 जुलाई, 2016 को अचानक ही तालाबंदी की घोषणा कर दी।
मसले को सुलझाने के लिए विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर सऊदी प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में हैं ताकि बेरोजगार भारतीयों के बकाए वेतन आदि का भुगतान हो सके और बंद हो चुकी कंपनी उन्हें देश से बाहर जाने की अनुमति दे सकें। दैनिक जागरण ने सोमवार को भी इस बारे में विस्तृत खबर प्रकाशित की है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज स्वयं ही पूरे मामले पर नजर रखे हुए हैं। हर घंटे उन्हें वहां की प्रगति के बारे में जानकारी दी जा रही है।