संसदीय समिति ने सांसद निधि को 15 करोड़ रुपये किए जाने की सिफारिश की

सांसदों को अपनी संसदीय क्षेत्र के विकास के लिए मिलने वाली सालाना सांसद निधि में तीन गुना की बढ़ोतरी हो सकती है। इसके लिए एक संसदीय समिति ने सरकार से महंगाई और विधायकों के लिए किए जा रहे आवंटन को ध्यान में रखते हुए सांसद निधि को पांच करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 या 15 करोड़ रुपये किए जाने की सिफारिश की है।

संसदीय स्थायी वित्त समिति ने केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) को यह भी कहा है कि वह खर्च के बजट अनुमान और संशोधित अनुमान के बीच के बड़े अंतर को ध्यान में रखते हुए आवश्यक धन का वास्तविक आकलन करे।
समिति ने एमओएसपीआई पर अपनी रिपोर्ट में इस तथ्य की तरफ भी ध्यान दिलाया है कि सांसद निधि में लंबे समय से कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह रिपोर्ट बृहस्पतिवार को संसद में पेश की गई।

समिति ने रिपोर्ट में कहा है कि अधिकतर राज्यों में विधायकों को विधायक निधि के तौर पर 4 करोड़ रुपये सालाना खर्च करने का मौका मिलता है।

एक लोकसभा क्षेत्र के दायरे में 5 से 7 विधायक आते हैं। ऐसे में उनके मुकाबले सांसद निधि ऊंट के मुंह में जीरा समान होती है और सांसदों के लिए जनता की मांग को पूरा करने में बाधक भी बनती है। इसके चलते सांसद निधि को दोगुना या तीन गुना किया जाना चाहिए।

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