शादी की रस्मों से लेकर शुभ कार्यों में लड़की-लड़के के बाईं ओर ही रहती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों..? अगर सोचा है और जवाब नहीं जानते हैं तो आइए हम बताते हैं इसका जवाब. आप सभी ने अक्सर ही शादी होते हुए देखा होगा. ऐसे में अगर बात करें हिंदू शास्त्र की तो
हिंदू धर्म के अनुसार पत्नी को वामांगी माना जाता है और इस कारण से शादी से लेकर अन्य शुभ कार्यों में पत्नी पति के बाईं ओर ही रहती है.
पुराणों के अनुसार स्त्रियों का बायां हिस्सा शुभ होता है क्योंकि उसमे देवी मां का वास होता है.
आप सभी ने देखा ही होगा कि हस्तशास्त्र में भी लड़के के दाएं और लड़की का बायां हाथ देखा जाता है क्योंकि ऐसा मानते है कि शरीर में मस्तिष्क का बायां हिस्सा उसकी रचनात्मकता तथा दायां हिस्सा कर्म का प्रतीक होता है.
वहीं अगर पुराणों की माने तो महिलाएं अपने दिल से सोचती हैं और क्रियाशील मानी जाती हैं इस वजह से उनका बायां अंग अहम होता है वहीं बात करें लड़को की तो लड़के दिमाग से काम करते हैं इसलिए उनका दायां हिस्सा जरूरी होता है.
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स्त्री को प्रेम और ममता का प्रतीक माना जाता है और उनमें रचनात्मकता बचपन से ही होती है इसलिए पत्नी का बायीं ओर होना शुभ माना जाता है और उनके इस ओर रहने से कामों में शुभता आ जाती है.