बिहार में शराबबंदी आम लोगों की जिदंगी में कई बदलाव लेकर आई है. नीतीश सरकार के उस साहसिक फैसले के एक साल पूरे हो चुके हैं. ऐसे में इस फैसले ने आम लोगों की जिंदगी पर कितना असर डाला है?
बेगूसराय में भी एक ऐसी ही घटना ने ना सिर्फ एक इंसान की जिदंगी बदल डाली, बल्कि आम लोग भी इससे प्रेरित हो रहे हैं.
दो बेटी और एक बेटे के पिता संजय कुमार एक साल पहले तक जिले के मुख्य शराब व्यवसायी हुआ करते थे. इस धंधे में इनकी इतनी पकड़ थी की, इन्हें चुनौती देने वाला कोई नहीं था. जिले में कुल 40 शराब दुकान के मालिक संजय के चेहरे मे आज जितनी खुशी है वो एक साल पहले नहीं थी.
दरअसल बिहार मे अचानक शराबबंदी की घोषणा के बाद संजय की जिदंगी में नया मोड़ आया. संजय आज शराब की जगह 70 किस्म की मिठाइयां बनाकर लोगों की जिंदगी में मिठास बढ़ा रहे हैं. संजय की जिदंगी में आई इस परिवर्तन के बाद कल तक नजर चुराकर चलने वाले इनके सगे संबधी और दोस्त अब उन्हें इज्जत ही नहीं बख्श रहे हैं, बल्कि इन्हें पास बुलाकर सम्मान भी दे रहे हैं.
संजय की जिदंगी मे आई इस परिर्वतन के लिए संजय नीतीश कुमार को धन्यवाद दे रहे हैं. शहर के कपिसया चौक पर शराब की जगह मिठाई की दुकान खोलकर संजय ने परिर्वतन की नींव रखी है. यहां तक कि स्थानीय लोग भी इसकी खूब प्रशंसा कर रहे हैं. उनका कहना है कि संजय का यह कदम उन लोगों की जिंदगी में बदलाव लेकर आया है, जो कभी शराब कारोबार से जुड़े थे.
कुछ ही समय के बाद संजय की जिंदगी में इतना परिर्वतन आया कि आज वो काफी खुश हैं. अचानक आई इस परिवर्तन से इनके परिवार वालों को भी इज्जत के दो शब्द सुनने को मिल रहे हैं. इससे पूरा परिवार संतुष्ट है.
कल तक शराब के व्यवसाय के लिए जाने जाने वाले संजय की जिदंगी में शराबबंदी के बाद आई इस परिवर्तन ने आम लोगों को भी शराब छोडकर परिवर्तन की राह में चलने के लिए प्रेरित किया है.बेगूसराय जिला के एक मुख्य शराब व्यवसायी ने शराब की मुख्यधारा से अलग होकर होटल का व्यवसाय अपनाया, जिससे पूरा परिवार अब इज्जत की जिदंगी जीकर एक सुनहरे भविष्य का ताना बाना बुन रहा है.
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