हमारे देश में कई ऐसे मंदिर हैं जो अपनी चमत्कारी शक्तियों के चलते आस्था का बड़ा केंद्र बने हुए हैं। हम बात कर रहे हैं कंकाली देवी के मंदिर की जो छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्थित है। कंकाली मंदिर का इतिहास काफी पुराना और अलग है। इस मंदिर का शस्त्रागार साल में केवल एक दिन दशहरे पर ही सुबह खुलता है। शाम होते ही ये शस्त्रागार फिर एक साल के लिए बंद हो जाता है।

शमशान घाट पर बना है कंकाली मंदिर :
इस मंदिर में दर्शन के लिए भक्तजन बड़ी संख्या में मौजूद रहते हैं और वो देवी मां के साथ-साथ पूरा अस्त्र-शस्त्र के भी दर्शन करते हैं। इसके पीछे भी एक अनोखी कहानी है। दरअसल ऐसा कहा जाता है कि जब भगवान राम और रावण के बीच युद्ध हो रहा था तब देवी मां मैदान में प्रकट हुईं थीं और श्रीराम के शास्त्रों को सुसज्जित किया था। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि ये मंदिर शमशान घाट पर बना है। इस मंदिर को नागा साधुओं के तांत्रिक साधना का केंद्र भी माना जाता है। कई सारे नागा साधुओं की समाधि ही इस मंदिर के आसपास है। कंकाली देवी के मंदिर का निर्माण महंत कृपाल गिरि ने किया था।
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