ब्रिटेन की टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आने वाले दिनों में अपना कारोबार समेट सकती है. न्यूज एजेंसी के मुताबिक वोडाफोन के CEO निक रीड ने सरकार की नीतियों पर सवाल खड़ा करते हुए असहयोग का आरोप लगाया है. निक रीड ने कहा कि असहयोगी रेग्युलेशन और बहुत ज्यादा टैक्स की वजह से वित्तीय तौर पर हम पर बोझ बढ़ गया है. इस बीच, वोडाफोन-आइडिया के शेयर भाव एक बार फिर 4 रुपये के नीचे पहुंच गए हैं.
दरअसल, सरकार ने वोडाफोन-आइडिया समेत अन्य टेलिकॉम कंपनियों को सरकार की बकाया राशि 92,000 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा था. सरकार के इस फैसले के खिलाफ टेलिकॉम कंपनियां सुप्रीम कोर्ट पहुंच गईं, लेकिन यहां उन्हें झटका लगा. शीर्ष अदालत ने दूरसंचार कंपनियों को निर्धारित समय सीमा के अंदर बकाये का भुगतान करने का आदेश दिया.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक सरकार को लाइसेंस शुल्क के रूप में देने के लिए भारती एयरटेल पर 21,682.13 करोड़ रुपये जबकि वोडाफोन आइडिया पर 19,822.71 करोड़ रुपये का बकाया है.
इन हालातों का जिक्र करते हुए वोडाफोन के सीईओ निक रीड ने कहा कि सरकार को बकायों की मांग में कुछ नरमी बरतनी चाहिए ताकि वोडाफोन समूह का कारोबार भारत में आगे भी बना रह सके.
उन्होंने कहा, ‘गैर मददगार नियमनों, अधिक टैक्स और उसके ऊपर सुप्रीम कोर्ट के प्रतिकूल फैसले से वित्तीय रूप से हमपर काफी बोझ है.’ उन्होंने आगे कहा कि काफी लंबे अरसे से भारत हमारे लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा है. यह पूछे जाने पर कि क्या ऐसे में कंपनी के लिए भारत में बिना राहत पैकेज के बने रह पाना संभव नहीं है, उन्होंने कहा, ‘यह काफी गंभीर स्थिति है. सरकार कह चुकी है कि वह एकाधिकार की स्थिति पैदा करने के पक्ष में नहीं है.’